भारत और अमेरिका ने शुक्रवार को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए एक प्रारंभिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों ने यहां 'वाणिज्यिक संवाद-2023' के दौरान सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला तथा नवाचार साझेदारी पर एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। वाणिज्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के निमंत्रण पर अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने सात से 10 मार्च के बीच दिल्ली का दौरा किया।
मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच नए व्यापार और निवेश के अवसरों पर चर्चा करने के लिए 'भारत-अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता' को 10 मार्च को फिर से शुरू किया गया। इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच 'भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद' के ढांचे के तहत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला और नवाचार साझेदारी स्थापित करने के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत अमेरिका के सेमीकंडक्टर एवं विज्ञान अधिनियम और भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के अनुरूप सेमीकंडक्टर के लिए आपूर्ति श्रृंखला और विविधीकरण पर एक सहयोगी तंत्र स्थापित किया जाएगा।
इस समझौते का मकसद सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के माध्यम से दोनों देशों की ताकतों का लाभ उठाना और वाणिज्यिक अवसर पैदा करना तथा सेमीकंडक्टर नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का विकास करना है। इसके अलावा, एमओयू में परस्पर लाभकारी अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी), प्रतिभा और कौशल विकास की परिकल्पना की गई है। बैठक के दौरान गोयल और रायमोंडो ने व्यापारिक और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की।
इस मौके पर गोयल ने कहा कि एमओयू से आपसी सहयोग और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी। रायमोंडो ने कहा कि उन्नत विनिर्माण को बढ़ावा देने की भारत की इच्छा पूरी तरह आपूर्ति श्रृंखला को लचीला बनाने के अमेरिकी लक्ष्य से मिलती है। उन्होंने कहा कि इस एमओयू के साथ, अमेरिका भारत को इलेक्ट्रॉनिक आपूर्ति श्रृंखला में बड़ी भूमिका निभाने की उसकी आकांक्षाओं को हासिल करने हुए देखना पसंद करेगा।
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