देसी इंडियन को विदेशी स्कॉच का चस्का तेजी से लग रहा है। आयात के आंकड़ों को देखकर यह साफ पता चलता है। आयात निर्यात से जुड़े ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो भारत फ्रांस को पछाड़ते हुए ब्रिटेन की स्कॉच व्हिस्की का सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरा है। बीते वर्षों तक जहां फ्रेंच व्हिस्की का आयात सबसे ज्यादा होता था। वहीं अब इसकी जगह ब्रिटिश व्हिस्की ने ले लिया है।
स्कॉटलैंड के प्रमुख उद्योग निकाय के 2022 के आंकड़ों पर गौर करें तो ब्रिटेन से भारत आने वाली विदेशी स्कॉच व्हिस्की का आयात आश्चर्यजनक रूप से 60 प्रतिशत बढ़ गया है। स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन (एसडब्ल्यूए) ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने पिछले साल स्कॉच व्हिस्की की 700 मिलीलीटर वाली 21.9 करोड़ बोतलों का आयात किया, जबकि फ्रांस ने 20.5 करोड़ बोतलों का आयात किया था। इससे पता चलता है कि भारतीय स्कॉच बाजार ने पिछले दशक में 200 फीसदी से ज्यादा वृद्धि की है। इसके साथ ही स्कॉच व्हिस्की के आयात के मामले में भारत ने फ्रांस को पीछे छोड़ दिया है। एसोसिएशन ने कहा, “दोहरे अंक में वृद्धि के बावजूद स्कॉच व्हिस्की की भारत के पूरे व्हिस्की बाजार में सिर्फ दो प्रतिशत हिस्सेदारी ही है।”
कई देशों को तेजी से बढ़ा निर्यात
यूरोपीय देशों से स्कॉच व्हिस्की के निर्यात में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली। इस दौरान पूरी दुनिया को 6.2 अरब पौंड की व्हिस्की का निर्यात किया गया जो एक रेकॉर्ड है। पहली बार यह आंकड़ा छह अरब पौंड के पार पहुंचा है। इसमे पिछले साल के मुकाबले 37 फीसदी तेजी आई है। यह ब्रिटेन के सबसे बड़े एक्सपोर्ट्स में से एक है। ब्रिटेन से सबसे ज्यादा अमेरिका को स्कॉच व्हिस्की का निर्यात किया गया। स्कॉटलैंड से अमेरिका को 105.3 करोड़ डॉलर की व्हिस्की एक्सपोर्ट की गई। इस दौरान भारत को 28.2 करोड़ पौंड की व्हिस्की भेजी गई।
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