नयी दिल्ली। एविएशन इंडस्ट्री के लिए कोरोना का बुरा दौर आखिरकार 2 साल बाद खत्म हो रहा है। सरकार ने अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं 27 मार्च से फिर शुरू करने का फैसला किया है। कोविड-19 महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें करीब दो साल से बंद हैं। नागर विमानन मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
देश में अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं 23 मार्च, 2020 से स्थगित थीं। हालांकि, जुलाई, 2020 से करीब 35 देशों के साथ ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत भारत से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन हो रहा है।
सरकार के फैसले से इंडस्ट्री खुश
सरकार के इस फैसले पर सिविल एविशन मिनिस्टर को धन्यवाद देते हुए एसटीआईसी ट्रैवल ग्रुप और कन्फेडरेशन ऑफ टूरिज्म प्रोफेशनल्स के अध्यक्ष,सुभाष गोयल ने इंडिया टीवी को बताया कि यह सरकार का बहुत अच्छा फैसला है। कोरोना के बाद से छोटे टूर ऑपरेटर सबसे ज्यादा परेशान थे। इससे छोटे डेस्टिनेशंस पर विमानों की आवाजाही फिर शुरू होगी। साथ ही इस फैसले से देश की इकोनोमी को बड़ा बूस्ट मिलेगा।
25 लाख नौकरियां खत्म कर गया कोरोना संकट
बीते दो साल में कोरोना और लॉकडाउन के चलते इस इंडस्ट्री में काम करने वाले 25 लाख लोगों की नौकरी खत्म हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय उड़ान नहीं शुरू करने से 10 लाख और लोगों की नौकरी पर खतरा मडरा रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार,भारतीय एयरलाइंस और हवाई अड्डों को वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कोविड-19 महामारी के कारण करीब 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं, हवाई अड्डों का संचालन करने वाली कंपनियों को भी पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा।
कई देशों ने विदेशी यात्रियों के लिए खोला
कोरोना का असर खत्म होता देख दुनिया के कई देशों ने विदेशी यात्रियों के लिए खोल दिए हैं। इनमें अमेरिका, अस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, बाली, मलेशिया जैसे देश शामिल हैं। ऐसे में अब भारत में विदेशी यात्रियों के लिए खोलने की मांग हो रही है। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू की जाए।
इकोनॉमी में ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी का बड़ा योगदान
एसटीआईसी ट्रैवल ग्रुप और कन्फेडरेशन ऑफ टुरिज्म प्रफेशनल्स के अध्यक्ष,सुभाष गोयल ने इंडिया टीवी को बताया कि सरकार के कुल टैक्स कलेक्शन में ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी का योगदान करीब 10% है। 2019 की बात करें तो ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री ने 30 बिलियन डॉलर की कमाई सिर्फ विदेशी यात्रियों से की थी। कोविड से पहले यानी 2019 में करीब 25 मिलियन भारतीय विदेश घूमने गए थे। वहीं, 11 मिलियन विदेशी भारत में आए थे। इस तरह बीते दो साल में अंतरराष्ट्रीय उड़ान बंद होने से करीब 60 से 65 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है।
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