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Hindi News पैसा बिज़नेस बेमौसम बारिश के बावजूद गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर रहने का अनुमान, जानिए इस साल कैसी रहेगी थाली की महंगाई

बेमौसम बारिश के बावजूद गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर रहने का अनुमान, जानिए इस साल कैसी रहेगी थाली की महंगाई

देश में गेहूं उत्पादन 11 करोड़ 27.4 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के उत्पादन की तुलना में 50 लाख टन अधिक है।

Wheat- India TV Paisa Image Source : FILE Wheat

इस साल मार्च और अप्रैल की बेमौसम बारिश और बाढ़ (Flood) के चलते गेहूं की खेती प्रभावित होने का अंदेशा गलत साबित हुआ। बेमौसम बारिश के बावजूद, खेती के रकबे में वृद्धि और उपज अधिक होने के कारण चालू फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में देश में गेहूं उत्पादन (Wheat Production)  11 करोड़ 27.4 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर रहने का अनुमान है। यह पिछले वर्ष के उत्पादन की तुलना में 50 लाख टन अधिक है। कृषि मंत्रालय के बृहस्पतिवार को जारी ताजा आंकड़ों में चावल (Rice Production) , मक्का, तिलहन और गन्ने (Sugarcane Production) में रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। 

देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन भी फसल वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 33 करोड़ 5.3 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि तीसरे अनुमान के अनुसार पिछले फसल वर्ष में 31 करोड़ 56.1 लाख टन का वास्तविक उत्पादन हुआ था। प्रमुख खाद्यान्नों में गेहूं, चावल, पोषक-मोटे अनाज और दाल शामिल हैं। 

Image Source : fileWheat Production

गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन 

कृषि मंत्रालय ने कहा, ‘‘देश में गेहूं उत्पादन 11 करोड़ 27.4 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के उत्पादन की तुलना में 50 लाख टन अधिक है।’’ फसल वर्ष 2021-22 में प्रमुख उत्पादक राज्यों में लू के कारण गेहूं का उत्पादन घटकर 10 करोड़ 77.4 लाख टन रह गया था। गेहूं उत्पादन में पिछला रिकॉर्ड 10 करोड़ 95.9 लाख टन फसल वर्ष 2020-21 के दौरान हासिल किया गया था। मुख्य रबी (सर्दियों) फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर से शुरू हो गई थी, जबकि कटाई इस साल 15 जून तक होने की उम्मीद है। 

Image Source : fileWheat Production

चावल और मक्का से भी बंधी उम्मीदें

चावल उत्पादन, फसल वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 13 करोड़ 55.4 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष 12 करोड़ 94.7 लाख टन था। मक्का का उत्पादन भी रिकॉर्ड तीन करोड़ 59.1 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल की समान अवधि में तीन करोड़ 37.3 लाख टन था। मक्का सहित पोषक मोटे अनाज का कुल उत्पादन फसल वर्ष 2022-23 में बढ़कर पांच करोड़ 47.4 लाख टन हो गया, जबकि पिछले वर्ष 5.11 करोड़ टन था। दलहन के मामले में, पिछले वर्ष के दो करोड़ 73 लाख टन की तुलना में फसल वर्ष 2022-23 में उत्पादन मामूली बढ़त के साथ 2.75 करोड़ टन होने का अनुमान है। 

दलहन का कैसा रहेगा उत्पादन 

फसल वर्ष 2022-23 में चना और मूंग को छोड़कर अरहर और उड़द का उत्पादन कम रहने का अनुमान है। अरहर का उत्पादन पहले के 42.2 लाख टन के मुकाबले 34.3 लाख टन कम रहना आंका गया है। उड़द का उत्पादन पहले के 27.7 लाख टन के मुकाबले 26.1 लाख टन रहने का अनुमान है। जबकि इसी अवधि में चने का उत्पादन एक करोड़ 35.4 लाख टन पर अपरिवर्तित रहने का अनुमान है। 

तिलहन घटाएगा आयात का दबाव

तिलहन का उत्पादन फसल वर्ष 2022-23 में चार करोड़ 9.9 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर रहने का अनुमान लगाया गया है। यह पिछले वर्ष के तीन करोड़ 79.6 लाख टन की तुलना में अधिक है। इसका कारण सोयाबीन और सरसों दाना का उत्पादन अधिक होना है। सोयाबीन का उत्पादन एक करोड़ 29.8 लाख टन के मुकाबले रिकॉर्ड एक करोड़ 49.7 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि रेपसीड-सरसों का उत्पादन उक्त अवधि में पहले के एक करोड़ 19.6 लाख टन के मुकाबले रिकॉर्ड एक करोड़ 24.9 लाख टन होने की संभावना है। 

49 करोड़ टन गन्ने के उत्पादन का अनुमान 

नकदी फसलों के मामले में, गन्ना उत्पादन फसल वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 49 करोड़ 42.2 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष यह उत्पादन 43 करोड़ 94.2 लाख टन का हुआ था। इस वर्ष कपास का उत्पादन तीन करोड़ 43.4 लाख गांठों (एक गांठ-170 किलोग्राम का) से अधिक होने का अनुमान है, जबकि फसल वर्ष 2021-22 में यह उत्पादन तीन करोड़ 11.1 लाख गांठों का हुआ था। जूट/मेस्ता का उत्पादन, फसल वर्ष 2022-23 में 94.9 लाख गांठ (एक गांठ बराबर 180 किलो) आंका गया है, जबकि पिछले वर्ष यह उत्पादन एक करोड़ 1.4 लाख गांठ था। सरकार फसल पकने और कटाई के विभिन्न चरणों में अंतिम अनुमान से पहले कुल चार अनुमान जारी करती है। 

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