देश में बेरोजगारी दर में कमी का रुझान देखा गया है। भारत के शहरी क्षेत्रों में जनवरी-मार्च 2024 के दौरान 15 साल और उससे ज्यादा उम्र के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर पिछले वर्ष की समान अवधि में 6.8 प्रतिशत से घटकर 6.7 प्रतिशत हो गई, जो निरंतर सुधार को दर्शाता है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा बीते बुधवार को जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के आंकड़ों से यह पता चला। IANS की खबर के मुताबिक, आंकड़े बताते हैं कि शहरी क्षेत्रों में महिला बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2023 में 9.2 प्रतिशत से घटकर जनवरी-मार्च 2024 में 8.5 प्रतिशत हो गई।
शहरी क्षेत्रों में महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात बढ़ा
खबर के मुताबिक, 15 साल और उससे ज्यादा उम्र के व्यक्तियों के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में भी जनवरी-मार्च 2023 में 45.2 प्रतिशत से बढ़कर जनवरी-मार्च 2024 में 46.9 प्रतिशत होने का ट्रेंड देखा गया है। यह आंकड़े रोजगार में बढ़ोतरी को भी दर्शाता है, क्योंकि डब्ल्यूपीआर को जनसंख्या में नियोजित व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है। इसी प्रकार, शहरी क्षेत्रों में महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात जनवरी-मार्च 2023 से जनवरी-मार्च 2024 तक 20.6 प्रतिशत से बढ़कर 23.4 प्रतिशत हो गया, जो डब्ल्यूपीआर में कुल मिलाकर बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है।
जॉब मार्केट में सुधार
शहरी क्षेत्रों में श्रमबल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए जनवरी-मार्च 2023 के दौरान 48.5 प्रतिशत से बढ़कर जनवरी-मार्च 2024 में 50.2 प्रतिशत हो गई है। यह जॉब मार्केट में सुधार को भी दर्शाता है। इसी साल जनवरी में बेरोजगारी दर पिछले 16 महीनों में सबसे कम दर्ज की गई। हालांकि, 20 से 30 साल के युवाओं में बेरोजगारी दर में 2023 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
फोर्ब्स के मुताबिक 20 से 24 साल के युवाओं में बेरोजगारी दर बढ़कर 44.49 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई-सितंबर तिमाही में 43.65 प्रतिशत थी। इसी तरह, 25 से 29 साल के युवाओं में बेरोजगारी दर 2023 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बढ़कर 14.33 प्रतिशत हो गई, जो पिछली तिमाही में 13.35 प्रतिशत थी।
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