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Hindi News पैसा बिज़नेस भारत की विकास दर FY2023-24 में 6.5-6.8% रहेगी, डेलॉयट का अनुमान, जानें तीसरी इकोनॉमी के लिए कितनी चाहिए रफ्तार

भारत की विकास दर FY2023-24 में 6.5-6.8% रहेगी, डेलॉयट का अनुमान, जानें तीसरी इकोनॉमी के लिए कितनी चाहिए रफ्तार

डेलॉयट इंडिया का मानना है कि विकास दर को फेस्टिवल सीजन में खर्च बढ़ने और देश में अगले साल लोकसभा चुनावों के पहले सरकारी खर्च बढ़ने से सपोर्ट मिलेगा। भारत फिलहाल दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।

जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही।- India TV Paisa Image Source : REUTERS/INDIA TV जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही।

दुनिया में भारी उथल-पुथल के बीच कंसल्टेंसी फर्म डेलॉयट इंडिया (Deloitte India) ने कहा है कि भारत की चालू वित्त वर्ष में विकास दर (india gdp rate FY2023-24) 6.5-6.8 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है। इसके पीछे वजह बताते हुए कहा कि फेस्टिवल सीजन में खर्च बढ़ने और अगले साल लोकसभा चुनावों के पहले सरकारी खर्च बढ़ने से इस ग्रोथ (India GDP) को जोरदार सपोर्ट मिलेगा। डेलॉयट ने महीने की शुरुआत में जारी अपनी भारत आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा है कि भारत को साल 2027 तक दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने के लिए हर वित्त वर्ष में कम से कम 6.5 प्रतिशत की स्पीड से आगे बढ़ना होगा। भाषा की इस खबर के मुताबिक, भारत को साल 2047 तक विकसित देश बनने के लिए हर साल आठ-नौ प्रतिशत आर्थिक विकास दर की जरूरत होगी।

जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही जीडीपी
खबर के मुताबिक, जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही, जो कि एक साल पहले की अवधि के 7.2 प्रतिशत से ज्यादा है। डेलॉयट इंडिया ने कहा कि पहली तिमाही की ग्रोथ को ध्यान में रखते हुए हमने इस साल के लिए अपने ग्रोथ अनुमान को संशोधित किया है। हमें उम्मीद है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.5-6.8 प्रतिशत के दायरे में बढ़ेगा। इसकी मुख्य वजह आने वाले महीनों में त्योहारी खर्च बढ़ना और उसके बाद अगले साल के मध्य में होने वाले चुनावों से पहले सरकारी खर्चों में तेजी आना है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी से निपटना आसान नहीं
डेलॉइट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी से निपटना निस्संदेह आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी आर्थिक वृद्धि (India gdp rate prediction FY2023-24)को गति देने के लिए अपनी घरेलू मांग पर निर्भर रहना होगा और इसके लिए विशेष रूप से निजी खपत और निवेश खर्च पर ध्यान देना होगा। भारत इस समय 3.4 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसके साथ ही डेलॉयट ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर अगले साल 6.5 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान जताया है।

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