विश्व बैंक (वर्ल्ड बैंक) की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र और ग्रामीण मांग में सुधार के कारण चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल के बावजूद भारत की वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है। विश्व बैंक ने भारत विकास अपडेट में कहा कि दक्षिण एशिया क्षेत्र के बड़े हिस्से के लिए जिम्मेदार भारत की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 में 7 प्रतिशत पर मजबूत रहने की उम्मीद है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, इसमें कहा गया है कि कृषि में सुधार उद्योग में मामूली नरमी की आंशिक रूप से भरपाई करेगा, साथ ही कहा कि सेवाएं मजबूत बनी रहेंगी। कृषि में अपेक्षित सुधार के कारण ग्रामीण निजी खपत में सुधार होगा।
सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा
विश्व बैंक ने इससे पहले जून में कहा था कि भारत चालू वित्त वर्ष सहित अगले तीन वर्षों में 6. 7 प्रतिशत की स्थिर वृद्धि दर्ज करते हुए सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। जबकि दुनिया की इकोनॉमी की ग्रोथ को लेकर कहा था कि वैश्विक विकास 2024 में 2. 6 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है, जो 2025-26 में औसतन 2. 7 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। यह कोविड-19 से पहले के दशक के 3. 1 प्रतिशत के औसत से काफी कम है।
मूडीज ने लगाया है ये अनुमान
मूडीज रेटिंग्स ने हाल ही में अपने अनुमान में कैलेंडर वर्ष 2024 और 2025 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर क्रमशः 7.2 प्रतिशत और 6.6 प्रतिशत कर दिया। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि यदि चक्रीय गति, विशेष रूप से निजी उपभोग के लिए, अधिक गति प्राप्त करती है, तो विकास अधिक हो सकता है। अनुमानों के अनुसार, भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 2024 में 7.2 प्रतिशत होगी, जो पहले 6.8 प्रतिशत थी। 2025 में, वृद्धि का अनुमान 6.6 प्रतिशत है, जबकि हमारा पिछला अनुमान 6.4 प्रतिशत था।
जुलाई में संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में कहा गया था कि वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की जीडीपी चालू वित्त वर्ष में 6. 5 से 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है, जिसका असर निर्यात पर पड़ सकता है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित वृद्धि पिछले वित्त वर्ष के लिए अनुमानित 8. 2 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर से कम है।
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