ग्लोबल मंदी की आहट ने उड़ाई भारत की नींद, आ गए परेशान करने वाले आंकड़े
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान देश का कुल वस्तु निर्यात 7.5 प्रतिशत बढ़कर 405.94 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आयात 18.82 प्रतिशत बढ़कर 653.47 अरब डॉलर हो गया।
बढ़ती महंगाई की मार झेल रहे दुनिया के बाजार अब मंदी के अंधेेरे की ओर बढ़ने लगे हैं। इसके संकेत निर्यात के घटते आंकड़ों से पता चल रहे हैं। रुपये में गिरावट के बावजूद भारत का निर्यात लगातार घटता जा रहा है। फरवरी के आंकड़े और भी परेशान करने वाले हैं। देश का निर्यात फरवरी में लगातार तीसरे महीने घटा है। भारत का निर्यात 8.8 प्रतिशत घटकर 33.8 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 37.15 अरब डॉलर था।
वाणिज्य मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। देश के निर्यात में लगातार तीसरे महीने गिरावट हुई है। समीक्षाधीन अवधि में आयात भी 8.21 प्रतिशत घटकर 51.31 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इसी महीने में 55.9 अरब डॉलर था। फरवरी में देश का व्यापार घाटा 17.43 अरब डॉलर रहा था। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान देश का कुल वस्तु निर्यात 7.5 प्रतिशत बढ़कर 405.94 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आयात 18.82 प्रतिशत बढ़कर 653.47 अरब डॉलर हो गया।
सेवा निर्यात का प्रदर्शन बहुत अच्छा
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि अभी तक के रुझानों को देखते हुए भारत का माल एवं सेवा निर्यात 2022-23 में 750 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''हमने विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद गति बनाए रखी है। निर्यातकों ने गति बनाए रखी है। सेवा निर्यात का प्रदर्शन बहुत अच्छा है। व्यापार घाटा वास्तव में कम हुआ है। उम्मीद है कि हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे।'' उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने अगले वित्त वर्ष के लिए लक्ष्य तय करने की कवायद शुरू कर दी है।
रत्न और आभूषण, सूती धागे/ कपड़े का घटा निर्यात
चालू वित्त वर्ष के 11 महीनों के दौरान निर्यात के लिहाज से नकारात्मक वृद्धि दर्ज करने वाले क्षेत्रों में इंजीनियरिंग सामान, रत्न और आभूषण, सूती धागे/ कपड़े और प्लास्टिक शामिल हैं। अप्रैल-फरवरी 2022-23 के दौरान इंजीनियरिंग निर्यात घटकर 98.86 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 101.15 अरब डॉलर था। रत्न और आभूषण निर्यात अप्रैल-फरवरी 2022-23 के दौरान घटकर 35.21 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 35.32 अरब डॉलर था। सकारात्मक वृद्धि दर्ज करने वाले क्षेत्रों में पेट्रोलियम उत्पाद, रसायन, औषधि, इलेक्ट्रॉनिक सामान, चावल और तैयार वस्त्र शामिल हैं। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान सोने का आयात घटकर 31.72 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 45.12 अरब डॉलर था। चालू वित्त वर्ष के 11 महीनों में कच्चे तेल का आयात बढ़कर 193.47 अरब डॉलर हो गया, जो 2021-22 की समान अवधि में 140.67 अरब डॉलर था।
खाद्य तेल का आयात फरवरी में 12 प्रतिशत बढ़ा
एक ओर जहां भारत का निर्यात घट रहा है वहीं आयात के बढ़ते बिल ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। कच्चे पाम तेल के अधिक आयात के कारण भारत का खाद्य तेल आयात फरवरी में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 10.98 लाख टन हो गया। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने बुधवार को एक बयान में कहा कि फरवरी में खाद्य तेल का आयात बढ़कर 10,98,475 टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 9,83,608 टन था। अखाद्य तेल का आयात फरवरी में घटकर 16,006 टन रह गया, जो पिछले साल इसी महीने में 36,389 टन था।
रुपया चार पैसे चढ़कर 82.33 पर पहुंचा
अर्थशास्त्र की किताबों की मानें तो सामान्य परिस्थिति में रुपये की गिरावट निर्यातकों के लिए फायदेमंद होती है। लेकिल जहां पिछले साल से सोना 78 से गिरता हुआ 83 रुपये प्रति डॉलर पहुंच गया है, लेकिन निर्यात लगातार घट रहा है। अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और घरेलू शेयर बाजार में तेजी के बीच रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चार पैसे चढ़कर 82.33 पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 82.32 पर मजबूत खुला, फिर कुछ बढ़त के साथ 82.30 के स्तर पर आ गया।