Retail Inflation Rate: भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर 9 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। सरकार ने मार्च के खुदरा मुद्रास्फीति दर का आंकड़ा जारी कर दिया है। मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति दर घटकर 4.85 प्रतिशत रह गई है, जो फरवरी के 5.09 प्रतिशत के मुकाबले कम है। 12 अप्रैल को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने खुदरा मुद्रास्फीति की दर जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, खुदरा मुद्रास्फीति दर जून 2023 के बाद सबसे कम रही है। पिछले साल जून में यह 4.81 प्रतिशत थी।
पिछले सप्ताह 5 अप्रैल को भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी ने लेटेस्ट महंगाई डेटा जारी किया था, जिसमें पॉलिसी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी में लगातार सातवीं बार पॉलिसी रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर ही रखा गया है। केन्द्रीय बैंक के पूर्वानुमान के मुताबिक, इस वित्त वर्ष कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) 4.5 प्रतिशत पर देखा जा रहा है।
खाद्य उत्पादों की महंगाई दर में भी कमी
खाद्य उत्पादों की कीमतों में नरमी आने से मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 9 महीनों के निचले स्तर 4.85 प्रतिशत पर आ गई। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 5.09 प्रतिशत थी, जबकि मार्च, 2023 में यह 5.66 प्रतिशत पर रही थी।
मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति 9 महीनों के निचले स्तर पर रही है। इसके पहले अक्टूबर, 2023 में यह 4.87 प्रतिशत रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में खाद्य उत्पादों की महंगाई दर 8.52 प्रतिशत रही जबकि एक महीने पहले फरवरी में यह 8.66 प्रतिशत थी।
सामान्य मानसून की उम्मीद
सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत कम या अधिक) पर सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति नीतिगत दरों पर फैसला करते हुए खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों को ही ध्यान में रखती है। केंद्रीय बैंक ने इस साल सामान्य मानसून की उम्मीद जताते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। आरबीआई ने अप्रैल-जून तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 4.9 प्रतिशत और सितंबर तिमाही में 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
(इनपुट- भाषा)
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