भारत को 2047 तक विकसित देश बनने के लिए इस रफ्तार से बढ़ना होगा आगे, डेलॉयट की सलाह
भारत चीन प्लस वन स्ट्रैटेजी से फायदा उठा सकता है। इसकी वजह यह है कि कोई दूसरा देश ऑपरेशन के पैमाने और आकार की पेशकश नहीं कर सकता जैसा यहां उपलब्ध है।
भारत साल 2047 में अपनी आजादी का 100 साल पूरे करेगा। ऐसे में इस समय तक भारत को एक विकसित देश (Indian Economy) बनाने की बात चल रही है। लेकिन इस टारगेट को पूरा करना क्या आसान है? डेलॉइट (Deloitte) साउथ एशिया के सीईओ रोमल शेट्टी का कहना है कि विकसित राष्ट्र बनने के लिए भारत को अगले 20 सालों तक लगातार 8-9 प्रतिशत (India needs 8-9 percent gdp growth) की दर से बढ़ने की जरूरत है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, उनका यह भी कहना है कि भारत चीन प्लस वन स्ट्रैटेजी से फायदा उठा सकता है। इसकी वजह यह है कि कोई दूसरा देश ऑपरेशन के पैमाने और आकार की पेशकश नहीं कर सकता जैसा यहां उपलब्ध है।
चुनौती है बड़ी
खबर के मुताबिक, स्पेस सेक्टर को लेकर शेट्टी ने कहा कि भारत में 200 स्टार्टअप हैं और साल 2040 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश आकर्षित कर सकते हैं। हमें मीडियम इनकम लेवल से दूर जाना होगा। भारत के लिए हालांकि लगातार उस रफ्तार से आगे बढ़ना आसान नहीं है। अगर आप गौर करें तो दुनिया में बहुत कम देश हर साल 8-9 प्रतिशत की स्पीड (India needs 8-9 percent gdp growth)से विकास कर पाए हैं। प्रधानमंत्री ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत आने वाले समय में दुनिया की शीर्ष 3 इकोनॉमी में होगा। पीएम ने कहा था कि मुझे यकीन है कि 2047 तक हमारा देश विकसित (India developed country by 2047) देशों में होगा। हमारी इकोनॉमी और भी ज्यादा इन्क्लूसिव और इनोवेटिव होगी.
पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
बता दें, भारत फिलहाल में अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। एसएंडपी ग्लोबल की एक रिपोर्ट में पिछले महीने भारत की अर्थव्यवस्था (India gdp) दोगुनी होकर 6 अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया था। इसी तरह, साल 2031 तक 7 ट्रिलियन होने का अनुमान लगाया गया है। शेट्टी ने यह भी कहा कि भारत कृषि, स्पेस सेक्टर और सेमीकंडक्टर और ईवी जैसे दूसरे उभरते क्षेत्रों में अवसरों की तलाश कर सकता है। देश में हर साल 16,000-18,000 किलोमीटर की सड़कें बनी रही हैं। जो विकास और व्यापार को बढ़ावा दे रहा है।
चाइना प्लस वन पर कंपनियों का फोक्स
शेट्टी का कहना है कि मल्टीनेशनल कंपनियां चाइना प्लस वन पर फोकस कर रही हैं. कुछ ऐसे दूसरे देश भी हैं जिनको फायदा मिलेगा, जब वह चीन से अपनी मैनुफैक्चरिंग को कहीं और ले जाने का फैसला करेगी। आज किसी दूसरे देश के पास भारत जितना पैमाना और आकार नहीं है। हां, भारत के सामने कच्चे तेल का इम्पोर्ट सबसे बड़ी समस्या है। हाल के समय में टेक्नोलॉजी ने देश को बदल कर रख दिया है।