ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ बढ़ रहा भारत, लाखों युवाओं को इन सेक्टर में मिलेगी नौकरी
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में एक बड़ा फैक्टर रहने वाला है।
दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ भारत तेजी से बढ़ रहा है। ग्लोबल फाइनेंशियल फर्म लाजार्ड की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 'आउटलुक फॉर इमर्जिंग मार्केट' शीर्षक वाली रिपोर्ट में ग्लोबल फर्म की ओर से कहा गया है कि भारत के पास एक मजबूत डेमोग्राफिक डिविडेंड है और युवाओं की संख्या अधिक होने का फायदा देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगा और 2060 तक भारत को ग्रोथ करने में मदद करेगा। भारत के मैन्युफैक्चरिंग हब बनने से लाखों युवाओं को नौकरी मिलेगी। आपको बता दें कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव, कपड़ा और फार्मास्यूटिकल्स सहित कई उद्योगों में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ रही हैं, क्योंकि अधिकाधिक अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां और बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी विस्तार करने के लिए भारत का रुख कर रही है।
युवा आबादी का भी मिलेगा फायदा
रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि देश की 80 प्रतिशत से ज्यादा आबादी 50 वर्ष से कम की है और साथ ही आय में वृद्धि होने से मध्यम वर्ग के हाथ में ज्यादा पैसे आ रहे हैं। इस कारण हमारा मानना है कि 2060 तक देश तेजी से आगे बढ़ेगा। बता दें, मौजूदा समय में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले दो कार्यकाल में भारत की अर्थव्यवस्था को बड़े स्तर पर स्थिर करने का काम किया है। साथ ही डिजिटल अर्थव्यवस्था से करोड़ों लोगों को जोड़ा है और कई टैक्स सुधार लागू किए हैं।
2024-25 में भी मैन्युफैक्चरिंग पर जोर
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में एक बड़ा फैक्टर रहने वाला है। भारत अपने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए काफी कोशिश कर रहा है, जिसकी झलक बजट 2024-25 में भी दिखाई दी। वित्त मंत्री की ओर से एमएसएमई सेक्टर की मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों पर विशेष ध्यान दिया गया है। मैन्युफैक्चरिंग का समर्थन करने के लिए सरकार ने 'मुद्रा लोन' की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया है। वहीं, सरकार एमएसएमई क्षेत्र में 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
इनपुट: आईएएनएस