दुनिया भले ही 2023 में मंदी के जाल में उलझती जा रही है। अमेरिका से लेकर यूरोप की अर्थव्यवस्थाएं ढलान पर दिख रही हैं। इसका असर भारत पर भी पड़ने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन मौजूदा दौर में भारत की इकोनॉमी में संभावनाएं बढ़ रही हैं, उसे देखकर दुनिया भर की एजेंसियां पॉजिटिव सिग्नल दे रही हैं। कल ही प्रधानमंत्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया के क्रम में तीसरे नंबर पर ले जाने की बात कही है। प्रधानमंत्री की बात की पुष्टि करते हुए दुनिया की प्रमुख फाइनेंशियल एडवाइजर फर्म डेलॉयट ने अर्थव्यवस्था को लेकर कुछ भविष्यवाणी की हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अगले दो साल बेहतर
चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6-6.3 प्रतिशत रहने की संभावना जताते हुए डेलॉयट इंडिया ने कहा है कि वैश्विक अनिश्चितताएं कम होने पर अगले दो साल में इसकी वृद्धि दर सात प्रतिशत से भी अधिक रह सकती है। वित्तीय परामर्शदाता डेलॉयट इंडिया ने एक रिपोर्ट में कहा है कि वैश्विक अनिश्चितताएं जारी रहने के बावजूद भारत में मजबूत आर्थिक गतिविधियां जारी हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के जुझारूपन को ध्यान में रखते हुए डेलॉयट आर्थिक परिदृश्य को लेकर आशावादी है।
6.3 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी इकोनॉमी
रिपोर्ट कहती है, ‘‘इस वर्ष और अगले साल के लिए हमने अपनी उम्मीद जता दी है। डेलॉयट को उम्मीद है कि भारत की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023-24 में छह से 6.3 प्रतिशत रहेगी और उसके बाद इसका परिदृश्य और भी मजबूत रहेगा।’’ रिपोर्ट के मुताबिक, अगर वैश्विक अनिश्चितताएं कम होती हैं तो अगले दो वर्षों में भारत की वृद्धि दर सात प्रतिशत से भी अधिक रह सकती है। डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष के लिए हमारा वृद्धि अनुमान अप्रैल जैसा ही है। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष के बेहतर नतीजों ने हमारे तुलनात्मक आधार को ऊंचा कर दिया है। अर्थव्यवस्था में तेजी को देखते हुए हमने वृद्धि अनुमान की निचली सीमा बढ़ा दी है।’’
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