भू-राजनीतिक तनाव के मौजूदा दौर में एस एंड पी को भी आखिर इंडियन इकोनॉमी का लोहा मानना पड़ा और चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर (जीडीपी ग्रोथ) का अनुमान बढ़ा दिया। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत का वृद्धि अनुमान 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है। भाषा की खबर के मुताबिक, अमेरिकी एजेंसी ने कहा कि मजबूत घरेलू स्पीड ने ऊंची खाद्य महंगाई और कमजोर निर्यात से पैदा हुई बाधाएं दूर होती दिख रही हैं जिसके चलते ग्रोथ अनुमान को बढ़ाया गया है।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए किया ये बदलाव
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में हालांकि अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है, क्योंकि उसका मानना है कि उच्च आधार प्रभाव और धीमी वैश्विक वृद्धि के चलते चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में ग्रोथ धीमी रहेगी। एसएंडपी ने कहा कि हमने वित्त वर्ष 2023-24 (मार्च 2024 में खत्म होने वाले) के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को छह प्रतिशत से बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है, क्योंकि मजबूत घरेलू गति उच्च खाद्य मुद्रास्फीति तथा कमजोर निर्यात से होने वाली बाधाओं की भरपाई करती दिख रही है।
अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी 7.8 प्रतिशत बढ़ी
रेटिंग एजेंसी का कहना है कि कमजोर वैश्विक वृद्धि, उच्च आधार और दरों में बढ़ोतरी के देरी से असर के बीच वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वृद्धि धीमी रहने का अनुमान है। यही वजह है कि हमने वित्त वर्ष 2025 में वृद्धि के लिए अपना अनुमान 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिश्त कर दिया है। वित्त वर्ष 2022-23 (31 मार्च 2023 को खत्म) में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत बढ़ी। अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8 प्रतिशत बढ़ी थी। भारत ने हाल में एक्सपोर्ट सेक्टर में भी प्रगति की है।
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