देश की अर्थव्यवस्था का रिपोर्ट कार्ड आज सरकार ने जारी कर दिया है। आंकड़ों में देश की तरक्की की रफ्तार बुरी तरह से लड़खड़ाती दिख रही है। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत रही। यह आंकड़ा पिछले अनुमान से काफी कम है। अप्रैल से जून तिमाही में देश की ग्रोथ रेट 13.5 फीसदी दर्ज की गई थी।
2022-23 की दूसरी तिमाही में रियल GDP 38.17 लाख करोड़ रुपए एस्टीमेट की गई है, जबकि 2021-22 की दूसरी तिमाही में यह 35.89 लाख करोड़ रुपए थी। आंकड़ों से पता चलता है कि देश के मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर में जोरदार गिरावट आई है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट 4.3 प्रतिशत तक गहरा गई है। वहीं माइनिंग सेक्टर में 2.8 प्रतिशत की डीग्रोथ दर्ज की गई है। वहीं ट्रेड और होटल्स में 14 प्रतिशत की जोरदार ग्रोथ आई है।
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पिछले साल 8.4 प्रतिशत थी तरक्की की रफ्तार
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार जीडीपी वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत रही थी। जीडीपी से आशय देश की भौगोलिक सीमा में एक निश्चित समय अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य से है। विश्लेषकों का अनुमान था कि दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही के 13.5 प्रतिशत के मुकाबले आधी रहेगी।
रेटिंग एजेंसियों के अनुमान के नजदीक रहे आंकड़े
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने जुलाई-सितंबर 2022 तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था जबकि भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट में इसके 5.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। इस महीने प्रकाशित भारतीय रिजर्व बैंक के एक बुलेटिन में जीडीपी वृद्धि दर 6.1 से 6.3 प्रतिशत तक रहने की संभावना जतायी गयी थी। चीन की आर्थिक वृद्धि दर इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.9 प्रतिशत रही थी।
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