भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर है। देश के चालू खाते में इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में सरप्लस की स्थिति रही और यह 5.7 अरब डॉलर रहा,जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 0.6 प्रतिशत है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को यह जानकारी दी। आरबीआई ने भारत के बैलेंस ऑफ पेमेंट पर जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि एक साल पहले की समान तिमाही में चालू खाते में 1.3 अरब डॉलर के घाटे की स्थिति थी, जो जीडीपी का 0.2 प्रतिशत थी।
इससे पहले रहा घाटा
अक्टूबर-दिसंबर, 2023 की तिमाही में चालू खाते में 8.7 अरब डॉलर का घाटा हुआ था, जो जीडीपी का एक प्रतिशत था। मार्च तिमाही का आंकड़ा आने के साथ ही 2023-24 के समूचे वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा 23.2 अरब डॉलर पर आ गया, जो जीडीपी का 0.7 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2022-23 में देश का चालू खाते का घाटा 67 अरब डॉलर यानी जीडीपी का दो प्रतिशत था।
11.4 अरब डॉलर का FPI इनफ्लो
वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में शुद्ध एफपीआई इनफ्लो 11.4 अरब डॉलर रहा। एक साल पहले की समान अवधि में यह 1.7 अरब डॉलर का शुद्ध आउटफ्लो था। वित्त वर्ष 2023-24 में फोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट में शुद्ध इनफ्लो 44.1 अरब डॉलर का रहा। एक साल पहले 5.2 अरब डॉलर का आउटफ्लो था। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 में शुद्ध एफडीआई इनफ्लो 9.8 अरब डॉलर का रहा। एक साल पहले यह 28 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष 2023-24 में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 63.7 अरब डॉलर का इजाफा भी हुआ।
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