अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति चुनाव जीतना चीन के लिया बड़ा झटका है। चीन यह चाहता था कि किसी भी तरह डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में ना आएं। अब ट्रंप के चुनाव जीतते ही चीन के लिए बुरी खबरें आनी शुरू हो गई हैं। दरअसल, चीन इस समय काफी संवेदनशील स्थिति से गुजर रहा है। वहां आर्थिक सुस्ती ने अपने पैर पसारे हुए हैं। चीन ने हाल ही में अपनी इकोनॉमी को सपोर्ट करने क लिए प्रोस्ताहन पैकेज जारी किये थे। इसके बाद दुनियाभर के इन्वेस्टर्स चीनी शेयर बाजार में पैसा लगाने को दौड़ पड़े थे। एफपीआई भारत से पैसा निकालकर चीन में लगा रहे थे। लेकिन ट्रंप के चुनाव जीतते ही पासा पलट गया है।
FPI ने लगाया रिवर्स गियर
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के जीतते ही विदेशी निवेशकों ने रिवर्स गियर लगा लिया है। भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को आई भारी तेजी इसका बड़ा सबूत है। ट्रंप के चुनाव जीतते ही निवेशकों का कॉन्फिडेंस काफी बढ़ गया। आईटी और फार्मा शेयरों में जमकर खरीदारी हुई। भारत ही नहीं, वैश्विक बाजार में भी तेजी देखी गई। ट्रंप के आने के बाद यूएस-चाइना ट्रेड वॉर फिर से शुरू हो सकता है। टैरिफ बढ़ाकर ट्रंप चीन की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। इसका सीधा फायदा भारत को होगा। वैश्विक कंपनियां चीन से निकलकर भारत में निवेश करेंगी।
चीन को काफी अधिक नुकसान
डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद जाने-माने उद्योगपति हर्ष गोयनका ने एक ग्राफिक शेयर किया है। इसमें बताया गया है कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से किस देश को कितना फायदा होगा। यह ग्राफिक रिसर्च एनालिस्ट नोमुरा का है। इसके अनुसार, ट्रंप की घरेलू और विदेश नीतियों से सबसे अधिक फायदा भारत को होगा। इसके बाद मलेशिया और जापान को फायदा होगा। उधर सबसे अधिक नुकसान मैक्सिको, साउथ कोरिया, ताइवान, चीन, यूरो एरिया और फिलिपींस को होगा। सिंगापुर, थाइलैंड, ऑस्ट्रेलिया, यूके और कनाडा को भी ट्रंप की जीत से नुकसान होगा।
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