भारत, ऑस्ट्रेलिया के बीच अगले दौर की ट्रेड एग्रीमेंट पर होगी बातचीत, दोनों देशों को होगा ये फायदा
बयान के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई पक्ष ने 23 सितंबर को भारत-ऑस्ट्रेलिया कृषि तकनीक मंच (आईएएटीएफ) की पहली बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के अधिकारी व्यापक मुक्त व्यापार समझौते पर अगले दौर की बातचीत नवंबर में कर सकते हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने रविवार को यह कहा। दोनों देशों ने अंतरिम व्यापार समझौता दिसंबर 2022 में लागू किया। और अब वे इसका दायरा बढ़ाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया सीईसीए (व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता) वार्ता का दसवां दौर 19-22 अगस्त को सिडनी में हुआ। इसमें वस्तुओं, सेवाओं, डिजिटल व्यापार, सरकारी खरीद, वस्तु उत्पत्ति के नियम और कृषि-तकनीक के क्षेत्रों पर बातचीत हुई। बयान के अनुसार इनमें से प्रत्येक विषय पर दोनों पक्षों ने गहन चर्चा की।
अगला दौर की वार्ता नवंबर में होगी
मंत्रालय ने बयान में कहा, सीईसीए वार्ता का अगला दौर नवंबर में होने की संभावना है।’’ भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य विभाग के मुख्य वार्ताकार और अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने किया। जबकि ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मामलों और व्यापार विभाग के मुख्य वार्ताकार और प्रथम सहायक सचिव रवि केवलराम ने किया। मंत्रालय ने कहा, ‘‘बैठक में एक-दूसरे के प्रस्तावों की बेहतर समझ और मतभेदों को दूर करने के लिए गहन चर्चा और बातचीत हुई। संतुलित परिणाम तक पहुंचने के लिए घरेलू स्तर पर विभिन्न मुद्दों को लेकर संवेदनशील स्थिति को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने प्रयास किये।’’
कृषि और बागवानी क्षेत्रों पर होगा जोर
बयान के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई पक्ष ने 23 सितंबर को भारत-ऑस्ट्रेलिया कृषि तकनीक मंच (आईएएटीएफ) की पहली बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है। इस नये मंच का गठन ऑस्ट्रेलिया ने किया है। बैठक का उद्देश्य कृषि और बागवानी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी सथानांतरण और जानकारी साझा कर संबंधित क्षेत्रों में अवसरों की खोज करना और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को मजबूत बनाना है। ऑस्ट्रेलिया ओशिनिया क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार 2023-24 में लगभग 24 अरब डॉलर रहा। पिछले वित्त वर्ष में ऑस्ट्रेलिया को भारत का निर्यात 7.94 अरब डॉलर था, जबकि आयात 16.15 अरब डॉलर था। दोनों देशों के बीच व्यापार 2021-22 से लगभग 25 अरब डॉलर के आसपास बना हुआ है।