भारत और कोरिया ने CEPA को अपग्रेड करने और निवेश बढ़ाने के लिये की चर्चा, जानिए किन-किन मुद्दों पर हुई बात
दोनों देश सीईपीए को उन्नत करने के लिए समीक्षा बैठकें कर रहे हैं, जिसे जनवरी 2010 में क्रियान्वित किया गया था। अब तक समीक्षा वार्ता के 10 से अधिक दौर आयोजित हो चुके हैं।
भारत और दक्षिण कोरिया ने शनिवार को मौजूदा मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अपग्रेड करने, आपसी वाणिज्य को संतुलित करने और दोनों देशों के बीच निवेश को बढ़ावा देने पर चर्चा की। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और उनके कोरियाई समकक्ष इंकयो चियोंग के बीच लाओस में हुई बैठक के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा की गई। गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म‘एक्स’पर पोस्ट किया,“अधिक संतुलित व्यापार के लिए भारत-कोरिया व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) को उन्नत करने, रोजगार सृजन से जुड़े निवेश को बढ़ावा देने और हमारे आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करने पर विचार-विमर्श किया गया।”
समीक्षा वार्ता के हो गये 10 से अधिक दौर
दोनों देश सीईपीए को उन्नत करने के लिए समीक्षा बैठकें कर रहे हैं, जिसे जनवरी 2010 में क्रियान्वित किया गया था। अब तक समीक्षा वार्ता के 10 से अधिक दौर आयोजित हो चुके हैं। दोनों देशों ने कुछ उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच की मांग की है, जो समझौते की नकारात्मक सूची में शामिल हैं। इस सूची के तहत आने वाले सामानों के लिए कोई सीमा शुल्क रियायत नहीं दी जाती है। वाणिज्य विभाग ने पहले भारी उद्योग, इस्पात और रसायन सहित विभिन्न मंत्रालयों के साथ प्रस्ताव सूची तैयार करने के लिए काम किया था।
भारत ने अधिक बाजार पहुंच की मांग की
भारत ने दक्षिण कोरिया से इस्पात, चावल और झींगा जैसे कुछ उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच की मांग की है, ताकि इन वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। भारत ने कोरियाई कंपनियों द्वारा भारतीय इस्पात न खरीदने पर चिंता जताई है। यह समीक्षात्मक कार्य महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों पक्षों ने आशा जताई है कि सीईपीए उन्नयन वार्ता दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को सुदृढ़ एवं गहन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आम तौर पर, ऐसी समीक्षा या उन्नयन प्रक्रिया में कार्यान्वयन के मुद्दे, उत्पत्ति के नियम, सत्यापन प्रक्रिया और खेपों की निकासी, सीमा शुल्क प्रक्रियाएं, माल के व्यापार का और अधिक उदारीकरण, तथा व्यापार डेटा की साझेदारी और आदान-प्रदान शामिल होते हैं। भारत ने दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर भी चिंता जताई है। कोरिया को भारत का निर्यात 2023-24 में घटकर 6.41 अरब डॉलर रह गया, जो 2022-23 में 6.65 अरब डॉलर और 2021-22 में आठ अरब डॉलर था। पिछले वित्त वर्ष में आयात 21.13 अरब डॉलर रहा, जबकि 2022-23 में यह 21.22 अरब डॉलर और 2021-22 में 17.5 अरब डॉलर था।