आयकर विभाग (Income Tax) ने स्टार्टअप कंपनियों द्वारा भारतीय और विदेशी निवेशकों को जारी इक्विटी और अनिवार्य रूप से कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर (सीसीपीएस) के मूल्यांकन के लिए नियमों को नोटिफाई किया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिनियम के नियम 11यूए में बदलाव के तहत यह प्रावधान किया है कि अनिवार्य रूप से कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर का मूल्यांकन भी उचित बाजार मूल्य पर आधारित हो सकता है। संशोधित नियमों में नियमों के मसौदे में प्रस्तावति पांच नए मूल्यांकन के तरीकों को भी कायम रखा गया है। ये हैं तुलनात्मक कंपनी एकाधिक विधि (Comparable Company Multiple Method), संभाव्य भारित अपेक्षित प्रतिफल विधि (Probability Weighted Expected Return Method), विकल्प मूल्य निर्धारण विधि (Option Pricing Method), विश्लेषण विधि (Milestone Analysis Method), और प्रतिस्थापन लागत की विधि (Replacement Cost Method)।
कंपनियों को इस बदलाव से होगा फायदा
नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के भागीदार अमित अग्रवाल ने कहा कि भारतीय आयकर अधिनियम के नियम 11यूए में संशोधन करदाताओं को कई मूल्यांकन विधियों के माध्यम से लचीलेपन की पेशकश करके सकारात्मक बदलाव लाने वाला है। अग्रवाल ने कहा, ‘‘ये बदलाव करदाताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त दृष्टिकोण सहित चयन के लिए मूल्यांकन विधियों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। इससे विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी और चीजों में स्पष्टता आएगी।
अधिकांश निवेश सीसीपीएस मार्ग के माध्यम से
एकेएम ग्लोबल के कर भागीदार अमित माहेश्वरी ने कहा कि नए एंजल कर नियमों ने सीसीपीएस मूल्यांकन तंत्र के एक महत्वपूर्ण पहलू का बहुत अच्छी तरह से ध्यान रखा है, जो पहले नहीं था, क्योंकि उद्यम पूंजी (वीसी) कोषों द्वारा भारत में अधिकांश निवेश केवल सीसीपीएस मार्ग के माध्यम से किया जाता है। सीबीडीटी ने इस साल मई में गैर-सूचीबद्ध और गैर-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप इकाइयों में वित्तपोषण के मूल्यांकन पर नियमों का मसौदा जारी किया था। सीबीडीटी ने यह मसौदा आयकर लगाने के मकसद से जारी किए थे। इसे ‘एंजल कर’ कहा जाता है। इसपर सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी गई थीं।
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