गेहूं के किसानों के लिए जरूरी सूचना, फरवरी में ही तापमान रिकॉर्ड बढ़ने के चलते ये काम जरूर करें फार्मर्स
आईआईडब्ल्यूबीआर ने अपनी सलाह में किसानों को गेहूं की फसल में आवश्यकता के अनुसार हल्की सिंचाई करने को कहा है। परामर्श के अनुसार, तेज़ हवा के मौसम में सिंचाई बंद कर देनी चाहिए, जिससे उपज में कमी आ सकती है।
भारत के कई हिस्सों में फरवरी महीने में ही गर्मी पिछले रिकॉर्ड़ तोड़ रही है। देश के कई राज्यों में अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री तक पहुंच गया है। इसको देखते हुए करनाल स्थित आईसीएआर-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) ने गेहूं उत्पादकों को सलाह दी है कि वे जरूरत के अनुरूप जाड़े की फसल गेहूं में हल्की सिंचाई करें। पिछले कुछ दिन से पंजाब और हरियाणा में न्यूनतम तापमान सामान्य से कई डिग्री ऊंचा चल रहा है।
30 मिनट के लिए खेत की सिंचाई करें
आईआईडब्ल्यूबीआर ने अपनी सलाह में किसानों को गेहूं की फसल में आवश्यकता के अनुसार हल्की सिंचाई करने को कहा है। परामर्श के अनुसार, तेज़ हवा के मौसम में सिंचाई बंद कर देनी चाहिए, जिससे उपज में कमी आ सकती है। इसमें आगे कहा गया है कि तापमान के बढ़ने की स्थिति में जिन किसानों के पास स्प्रिंकलर सिंचाई की सुविधा है, वे दोपहर में 30 मिनट के लिए इससे अपने खेत की सिंचाई कर सकते हैं। परामर्श में कहा गया है कि जिन किसानों के पास ड्रिप सिंचाई की सुविधा है, उन्हें फसल में उचित नमी सुनिश्चित करने की जरूरत है। किसानों को आगे सलाह दी गई कि वे अपनी गेहूं की फसल में पीले रतुआ रोग की नियमित निगरानी करें। पीला रतुआ रोग के मामले में, निकटतम कृषि विज्ञान केंद्र, अनुसंधान संस्थान या राज्य कृषि विभाग के कर्मचारियों के कृषि विशेषज्ञ से परामर्श किया जाना चाहिये।
गेहूं फसल पत्ते निकलने की अवस्था में पहुंची
मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में गेहूं की फसल पेड़ से पत्ते निकलने की अवस्था (वेजिटेटिव स्टेज) में पहुंच गई है। महालनोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र (एमएनसीएफसी) ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है। एमएनसीएफसी ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि दूसरी ओर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में बुवाई में देरी के कारण गेहूं की फसल अभी पेड़ से पत्ते निकलने की अवस्था तक नहीं पहुंच पाई है। एक गेहूँ के पौधे के जीवन चक्र को तीन मुख्य विकास चरणों में विभाजित किया जाता है जैसे कि पेड़ से पत्ते निकलने की अवस्था जिसमें पत्ते एवं तना विकसित होते हैं; दूसरी प्रजनन का चरण, और तीसरा अनाज भराव का चरण। गेहूं की फसल आम तौर पर मार्च में दाने भरने के चरण में प्रवेश करती है और तापमान में किसी भी असामान्य वृद्धि से उपज को नुकसान हो सकता है। गेहूं मुख्य रबी फसल है, जिसकी कटाई अगले महीने के अंत से शुरू होगी। सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में रिकॉर्ड 11 करोड़ 21.8 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है।