भारत में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) अप्रैल महीने में तीन महीने के निचले स्तर 5 प्रतिशत पर आ गया, जो सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में 5.4 प्रतिशत था। सरकार द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अप्रैल 2023 में आईआईपी विकास दर 4.6 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
अक्टूबर 2023 में ऑल टाइम हाई पर था
अक्टूबर 2023 में आईआईपी की पिछली उच्चतम वृद्धि 11.9 प्रतिशत दर्ज की गई थी, जो नवंबर में घटकर 2.5 प्रतिशत, दिसंबर में 4.2 प्रतिशत और जनवरी 2024 में 4.1 प्रतिशत हो गई थी। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2024 में तीनों सेक्टर्स माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और पावर की विकास दर क्रमशः 6.7 प्रतिशत, 3.9 प्रतिशत और 10.2 प्रतिशत रही।
कैपिटल गुड्स सेगमेंट में घटी ग्रोथ
MoSPI ने कहा, " मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अप्रैल 2024 के लिए आईआईपी के विकास में टॉप-तीन सकारात्मक योगदानकर्ताओं की विकास दर - 'बुनियादी धातुओं का निर्माण' (8.1%), 'कोक और रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों का निर्माण' (4.9%), और 'मोटर वाहनों, ट्रेलर और अर्ध-ट्रेलर का निर्माण' (11.4%) हैं।" उपयोग-आधारित वर्गीकरण के अनुसार, कैपिटल गुड्स का सेगमेंट अप्रैल में 3.1 प्रतिशत बढ़ा, लेकिन पिछले वर्ष के इसी महीने में यह 4.4 प्रतिशत बढ़ा था।
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स प्रोडक्ट्स
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स प्रोडक्ट्स का उत्पादन अप्रैल 2023 में 2.3 प्रतिशत की गिरावट की तुलना में अप्रैल 2024 में 9.8 प्रतिशत बढ़ा। नॉन-ड्यूरेबल्स कंज्यूमर गुड्स का उत्पादन अप्रैल 2023 में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि के बाद 2.4 प्रतिशत कम हो गया। इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन से संबंधित वस्तुओं में अप्रैल 2024 में मामूली वृद्धि 8.0 प्रतिशत दर्ज की गई, जो वार्षिक आधार पर 13.4 प्रतिशत के विस्तार के मुकाबले है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में core sector का 40.27% का योगदान होता है, जो औद्योगिक गतिविधि का एक प्रमुख संकेतक है।
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