आईसीआईसीआई बैंक और बैंक ऑफ इंडिया की ओर से मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेंट्स यानी MCLR में बढ़ोतरी कर दी गई है। एमसीएलआर के आधार पर ही किसी भी लोन की ब्याज दरें तय की जाती हैं। दोनों बैंकों की वेबसाइट के मुताबिक, नया एमसीएलआर 1 नवंबर, 2023 से प्रभावी कर दिया गया है। बता दें, ज्यादातर लोन एक वर्ष के एमसीएलआर से जुड़े हुए होते हैं।
ICICI Bank में MCLR
आईसीआईसीआई बैंक की ओर से सभी अवधि पर एमसीएलआर में 5 आधार अंक की बढ़ोतरी की गई है। आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, ओवरनाइट एमसीएलआर 8.50 प्रतिशत, एक महीने का एमसीएलआर 8.50 प्रतिशत, तीन महीने का एमसीएलआर 8.55 प्रतिशत, छह महीने का एमसीएलआर 8.90 प्रतिशत और एक वर्ष का एमसीएलआर 9.00 प्रतिशत रहा है।
Bank of India में MCLR
बैंक ऑफ इंडिया की ओर से कुछ अवधि के एमसीएलआर पर ब्याज दरों को बढ़ाया गया है। वेबसाइट के मुताबिक, ओवरनआइट एमसीएलआर 7.95 प्रतिशत, एक महीने का एमसीएलआर 8.20 प्रतिशत, तीन महीने का एमसीएलआर 8.35 प्रतिशत, छह महीने का एमसीएलआर 8.55 प्रतिशत, एक वर्ष का एमसीएलआर 8.75 प्रतिशत और तीन वर्ष का एमसीएलआर 8.95 प्रतिशत हो गया है।
MCLR बढ़ने का क्या होता असर?
एमसीएलआर बढ़ने का सीधा असर किसी व्यक्ति की ईएमआई पर पड़ता है। इससे उसे पहले के मुकाबले ज्यादा रुपये की ईएमआई भरनी पड़ती है। अगर ईएमआई नहीं बढ़ती है तो फिर उसके लोन का समय बढ़ जाता है।
MCLR क्या होता है?
एमसीएलआर वह दर होती है, जिससे नीचे बैंक अपने ग्राहकों को लोन नहीं देते हैं। यह होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन समेत अन्य प्रकार के लोन के लिए यह बेंचमार्क की तरह काम करती है। किसी भी बैंक का एमसीएलआर आरबीआई की गाइडलाइन्स के मुताबिक ही तय किया जाता है। इसके अनुसार ही बैंक अपने ग्राहकों को लोन देते समय ब्याज दर चार्ज कर सकते हैं।
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