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Budget 2024 : ICEA ने वित्त मंत्री से की मांग, देश में मोबाइल उत्पादन बढ़ाना है, तो यह फैसला आना जरूरी

Budget 2024 : उत्पाद असेंबल करने में लगने वाले कलपुर्जे और कच्चे माल पर 2.5 प्रतिशत शुल्क दरें हटाने का भी सुझाव दिया गया है। इसमें कहा गया है कि ये शुल्क दरें किसी उद्देश्य को पूरा नहीं करती हैं।

बजट 2024- India TV Paisa Image Source : REUTERS बजट 2024

मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री के टॉप इंस्टीट्यूशन इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने कलपुर्जों के मजबूत इकोसिस्टम के निर्माण को लेकर कच्चे माल पर शुल्क दरें कम करने की मांग की है। आईसीईए ने भारत सहित सात प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं में शुल्क दरों के अध्ययन के आधार पर यह सिफारिश की है। संगठन ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘कच्चे माल पर उच्च शुल्क दरें वृद्धि के उस इंजन को सीमित कर देती हैं, जिससे उत्पादन बढ़ता है। कच्चे माल पर उच्च शुल्क दरें निर्यात को कम कर देती है, क्योंकि वे मूल्य के लिहाज प्रतिस्पर्धी नहीं रह पातीं और अंतिम उत्पाद, यानी मोबाइल फोन का उत्पादन कम हो जाता है। इस समस्या का समाधान कच्चे माल पर शुल्क दर में कटौती है।’’

घरेलू सप्लाई चेन विकसित करना महत्वपूर्ण

इसमें कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि घरेलू सप्लाई चेन विकसित करना बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन सही तरीका उच्च शुल्क दर से बचाव करना नहीं है। बल्कि इसके लिए उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाना होगा और जहां भी कमियां हैं, वहां प्रोत्साहन योजनाएं लाकर उसे दूर करने की जरूरत है।’’ आईसीईए ने कहा कि वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (GVC) को आकर्षित करने और उत्पादन के पैमाने को बढ़ाने के लिए लागत में उल्लेखनीय वृद्धि करने वाली सभी शुल्क दरों को को शून्य पर लाने की जरूरत है।

शुल्क दरों से इंडस्ट्री को नुकसान

रिपोर्ट में उत्पाद असेंबल करने में लगने वाले कलपुर्जे और कच्चे माल पर 2.5 प्रतिशत शुल्क दरें हटाने का भी सुझाव दिया गया है। इसमें कहा गया है, ‘‘ये शुल्क दरें किसी उद्देश्य को पूरा नहीं करती हैं। उल्टा यह विनिर्माताओं के लिए लागत, जटिलता और अनुपालन में वृद्धि ही कर रही हैं।’’ उद्योग संगठन ने कहा कि सरकार को बड़े पैमाने पर कलपुर्जों के विनिर्माण को समर्थन देने के लिए दीर्घकालीन नजरिये से उपयुक्त नीति और वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना चाहिए।

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