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Hindi News पैसा बिज़नेस China और चीनी कंपनियों से कैसे निपटे भारत? नीति आयोग ने दी ये अहम सलाह

China और चीनी कंपनियों से कैसे निपटे भारत? नीति आयोग ने दी ये अहम सलाह

जून, 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी खटास आई है। भारत हमेशा से कहता रहा है कि सीमा क्षेत्रों पर शांति से पहले उसके चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं।

Chines companies - India TV Paisa Image Source : FILE चीनी कंपनियां

चीन से आने वाला निवेश और चीनी कंपनियों की भारत को लेकर नीतियां हमेशा परेशानी का सबब बनी हुई है। भारत चीनी कंपनियों से निपटने के लिए हमेशा नई-नई रणनीति पर काम करता रहा है। अब नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने कहा है भारत के लिए यह बेहतर होगा कि वह चीन से उत्पादों का आयात करने के बजाय पड़ोसी देश की कंपनियों को भारत में निवेश करने और वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए आकर्षित करे। उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम से उत्पादों के स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही कारोबारी घाटा पाटने में भी मदद मिलेगी। इस कदम से भारतीय कंपनियों को भी फायदा मिलेगा। 

एफडीआई की वकालत की गई

गौरतलब है कि आम बजट से एक दिन पहले 22 जुलाई को पेश आर्थिक समीक्षा में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और निर्यात बाजार का लाभ उठाने के लिए चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की वकालत की गई है। विरमानी से इसी बारे में पूछा गया था। विरमानी ने कहा, ‘तो, जिस तरह से एक अर्थशास्त्री इसे देखता है। अगर कुछ आयात होने जा रहा है, जिसे हम वैसे भी 10 साल या 15 साल के लिए आयात करने जा रहे हैं, ऐसे में यह बेहतर होगा कि हम चीन की कंपनियों को भारत में निवेश करने और यहां उत्पादन करने के लिए आकर्षित करें।’ आर्थिक समीक्षा में कहा गया था, ‘चूंकि अमेरिका और यूरोप अपनी तत्काल सोर्सिंग चीन से हटा रहे हैं, इसलिए चीनी कंपनियों का भारत में निवेश करना अधिक प्रभावी है।’

‘चीन प्लस वन रणनीति’

समीक्षा में कहा गया था कि ‘चीन प्लस वन रणनीति’ से लाभ उठाने के लिए भारत के सामने दो विकल्प हैं - वह चीन की आपूर्ति श्रृंखला में एकीकृत हो सकता है या चीन से एफडीआई को बढ़ावा दे सकता है। विरमानी ने कहा, ‘‘हमें चीन से आयात जारी रखने के बजाय इसकी अनुमति देनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इन विकल्पों में चीन से एफडीआई पर ध्यान देना अमेरिका को भारत का निर्यात बढ़ाने के लिए अधिक आशाजनक लगता है। इसमें कहा गया है, ‘‘इसके अलावा, चीन से लाभ पाने की रणनीति के रूप में एफडीआई को चुनना व्यापार पर निर्भर रहने की तुलना में अधिक फायदेमंद प्रतीत होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन, भारत का शीर्ष आयात भागीदार है, और चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़ रहा है।’’ 

दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी खटास

अप्रैल, 2000 से मार्च, 2024 तक भारत में आए कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में केवल 0.37 प्रतिशत हिस्सेदारी (2.5 अरब अमेरिकी डॉलर) के साथ चीन 22वें स्थान पर है। जून, 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी खटास आई है। भारत हमेशा से कहता रहा है कि सीमा क्षेत्रों पर शांति से पहले उसके चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं। दोनों देशों के बीच तनाव के चलते भारत ने टिकटॉक सहित चीन के 200 से अधिक मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाया है। 

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