World NGO Day: अगर आप भी ऐसे व्यक्तियों में शामिल हैं जो कि समाज के लिए कार्य करके कमजोर लोगों की मदद करना चाहते हैं तो एनजीओ खोलना आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। भारत में एनजीओ खोलना काफी आसान है। यह कुछ हद तक एक कंपनी का पंजीकरण कराने जैसा ही होता है।
क्या होता है NGO?
एनजीओ का पूरा नाम नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन होता है। ज्यादातर सोशल, कल्चरल, कानूनी और पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने के लिए एनजीओ का बनाया जाता है। इसमें नो प्रॉफिट और नो लॉस पर कार्य होता है। ज्यादातर एनजीओ निजी सोर्स के फंड जुटाकार परोपरकारी कार्य करती हैं। सभी एनजीओ का उद्देश्य लोगों की सेवा करना होता है।
NGO कैसे बनाएं?
- सबसे पहले अपना मिशन तय करें कि आप किसी क्षेत्र में सेवा का कार्य करना चाहते हैं।
- इसके बाद कुछ सदस्यों को अपने साथ जोड़ें।
- अब एनजीओ का नाम तय करें।
- इसके बाद एनजीओ का पंजीकरण कराएं।
- अब फंड्स एकत्रित करें।
- लोगों के मदद के लिए एक नेटवर्क बनाएं।
एनजीओ का पंजीकरण कैसे करें?
एनजीओ का पंजीकरण कराना आवश्यक है। आप तीन तरीकों (सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, इंडियन ट्रस्ट एक्ट और कंपनी एक्ट) से एनजीओ का पंजीकरण करा सकते हैं।
- सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकरण कराने के लिए आपके पास कम से कम 7 सदस्य होने चाहिए।
- इंडियन ट्रस्ट एक्ट के तहत पंजीकरण कराने के लिए कम से कम दो सदस्यों का होना आवश्यक है।
- कंपनीज एक्ट के तहत भी एनजीओ का पंजीकरण कराया जा सकता है। इसमें आपको कंपनी रजिस्ट्ररार के पास जाकर सेक्शन 8 के तहत पंजीकरण कराना होगा।
NGO की पंजीकरण फीस
पंजीकरण फीस हर राज्य के हिसाब से अलग-अलग होती है। आवेदन के बाद आपकी एप्लीकेशन को वेरिफाई किया जाएगा। इसके बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा।
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