Housing prices : कुशमैन एंड वेकफील्ड इंडिया के प्रमुख अंशुल जैन ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद मांग में वृद्धि के कारण पिछले दो वर्षों में आवासीय कीमतों के तेजी से बढ़ने के बाद अल्प से मध्यम अवधि में नाममात्र वृद्धि की उम्मीद है। कुशमैन एंड वेकफील्ड के भारत व दक्षिण पूर्व एशिया के मुख्य कार्यकारी एवं एशिया पैसिफिक टेनेंट रिप्रेजेंटेशन के प्रमुख जैन ने ‘पीटीआई वीडियो’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि उच्च आर्थिक वृद्धि और उपभोक्ताओं, खासकर युवा आबादी में मकान खरीदने की बढ़ती इच्छा को देखते हुए आवासीय मांग मजबूत बनी रहेगी।
2013 से 2019 तक काफी कम थी डिमांड
जैन ने कहा, ‘‘भारत में आवासीय मांग 2013-2014 से लेकर 2019 तक काफी कम रही। कीमतें स्थिर थीं। उस समय एक चलन था, जब लोग खासकर युवा कुछ भी नहीं खरीदना चाहते थे। हम आवासीय क्षेत्र के ‘उबराइजेशन’ के बारे में बात कर रहे हैं, जहां लोग किराए पर रहना चाहते थे और कोई प्रतिबद्धता नहीं चाहते थे।’’ उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी ने लोगों की सोच को बदला। जैन ने कहा, ‘‘लोगों को अपना मकान होने से जीवन में आने वाली स्थिरता का एहसास हुआ।’’
कोरोना महामारी के बाद आई बाजार में तेजी
उन्होंने कहा कि मांग के कारण आवासीय बिक्री और कीमतें बढ़ीं। संपत्ति सलाहकारों और रियल एस्टेट डेटा कंपनियों की विभिन्न बाजार रिपोर्ट के अनुसार, भारत का आवासीय बाजार कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद तेजी से पुनर्जीवित हुआ है। हालांकि, पिछले दो कैलेंडर वर्षों में कई सूक्ष्म बाजारों में कीमतें 40-70 प्रतिशत तक तेजी से बढ़ी हैं।
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