घरों की बिक्री नौ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंची, दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी की मांग 67% बढ़ी
पिछले साल शीर्ष आठ शहरों में आवासीय इकाइयों की बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर 3,12,666 इकाई हो गई। यह पिछले नौ साल का उच्च स्तर है।
कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरने से देश के प्रमुख आठ शहरों में आवासीय बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर नौ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई। संपत्ति सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया। देश के शीर्ष आठ शहरों के संपत्ति बाजारों पर आधारित पिछले छह महीनों की स्थिति पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इसके अनुसार, पिछले साल कुल ऑफिस स्पेस की मांग 36 प्रतिशत बढ़कर 5.16 करोड़ वर्ग फुट रही।
तीन लाख से अधिक घरों की बिक्री
इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल शीर्ष आठ शहरों में आवासीय इकाइयों की बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर 3,12,666 इकाई हो गई। यह पिछले नौ साल का उच्च स्तर है। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि घरों की कीमत बढ़ने और आवासीय ऋण पर ब्याज दरें बढ़ने के बावजूद वर्ष 2022 में आवासीय इकाइयों की बिक्री बढ़ी है। आंकड़ों के अनुसार, मुंबई 85,169 इकाइयों के साथ आवासीय बिक्री के मामले में शीर्ष पर रहा। यह आंकड़ा वर्ष 2021 की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी की मांग 67% बढ़ी
वहीं दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की मांग 67 प्रतिशत बढ़कर 58,460 इकाई हो गई जबकि बेंगलुरु में मांग 40 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 53,363 इकाई पर पहुंच गई। आलोच्य अवधि के दौरान पुणे में आवास की बिक्री 17 प्रतिशत बढ़कर 43,410 इकाई रही। इसी तरह हैदराबाद में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 28 प्रतिशत बढ़कर 31,046 इकाई हो गई। चेन्नई में बिक्री 19 प्रतिशत और अहमदाबाद में 58 प्रतिशत बढ़कर क्रमश: 14,248 इकाई तथा 14,062 इकाई हो गई। पिछले वर्ष के दौरान कोलकाता एकमात्र ऐसा शहर रहा जहां आवासीय बिक्री में गिरावट देखी गई। यह 10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 12,909 इकाई रहा।
एक दशक के बाद बाजार में ऐसी तेजी
रियल एस्टेट कंपनी अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने बताया कि रियल एस्टेट बाजार में इस वक्त जैसी तेजी है, वह करीब एक दशक बाद लौटी है। हर सेगमेंट में प्रॉपर्टी की मांग है। मलतब, महंगे से लेकर किफायती कीमत के फ्लैट की मांग एक समान है। लग्जुरियस सेगमेंट खरीदने वाला एक नया वर्ग मार्केट में आ गया है। अगर दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो इस समय में सबसे अधिक 50 से लेकर 1.5 करोड़ फ्लैट की मांग है। भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार अच्छी बनी रहने से साल 2022 के बाद 2023 में भी मांग अच्छी बनी रहेगी। इसका फायदा रेजिडेंशियल रियल एस्टेट के साथ कमर्शियल रियल एस्टेट को भी मिलेगा। इस साल भी ऑफिस स्पेस, रिटेल जोन और फ्लैट की मांग तगड़ी बनी रहने की पूरी संभावना है।
ऑफिस स्पेस की भी जबरदस्त मांग
इसके साथ ही नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा कि भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद देश में कार्यालय क्षेत्र की मांग में जबरदस्त सुधार हुआ है। पिछले वर्ष के दौरान कार्यालय स्थान की मांग के संदर्भ में, बेंगलुरू 1.45 करोड़ वर्ग फुट के साथ सबसे आगे रहा। इसके बाद दिल्ली-एनसीआर ने 89 लाख वर्ग फुट को कार्यालय स्थल पट्टे पर दिया। बैजल ने कहा,'हमने एक दशक से अधिक समय में पहली बार सभी प्रमुख रियल एस्टेट खंडों में एक साथ वृद्धि देखी है। वर्ष 2022 में आवासीय, कार्यालय, गोदाम एवं खुदरा रियल एस्टेट सभी खंडों में बिक्री बढ़ी है।