घरों की बिक्री ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़े, महंगे लोन और कीमत में 15% की वृद्धि के बावजूद धड़ाधड़ बिक रहे मकान
आंकड़ों के अनुसार इस कैलेंडर वर्ष 2023 में आवासीय बिक्री 4,76,530 इकाई रही। यह किसी भी कैलेंडर वर्ष में दर्ज अभी तक की सबसे अधिक बिक्री है। 2022 में 3,64,870 इकाइयों की बिक्री की गई थी।
घरों की बिक्री ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। आपको बता दूं कि देश के सात प्रमुख शहरों में आवासीय बिक्री इस साल 31 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 4.77 लाख इकाई हो गई। रियल एस्टेट सलाहकार फार्म एनारॉक ने यह जानकारी दी। कीमतों के औसतन 15 प्रतिशत बढ़ने और उच्च ब्याज दरों के बावजूद यह बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं, अगर टियर टू और थ्री शहरों की बात की जाए तो ये आंकड़ा बहुत बड़ा हो जाएगा। रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद लोगों को घर की अहमियत समझ में आई है। उसके बाद घरों की मांग में जो तेजी बनी हुई है, वह रुकने का नाम नहीं ले रही है।
कीमत बढ़ने का असर मांग पर नहीं हुआ
आंकड़ों के अनुसार इस कैलेंडर वर्ष 2023 में आवासीय बिक्री 4,76,530 इकाई रही। यह किसी भी कैलेंडर वर्ष में दर्ज अभी तक की सबसे अधिक बिक्री है। 2022 में 3,64,870 इकाइयों की बिक्री की गई थी। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि वैश्विक प्रतिकूलताओं, घरेलू संपत्ति की बढ़ती कीमतों और इस साल की पहली छमाही में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बावजूद 2023 भारतीय आवासीय क्षेत्र के लिए बेहतरीन रहा। उन्होंने कहा कि शीर्ष सात शहरों में आवासीय बिक्री 2022 के पिछले उच्च स्तर को पार कर गई। पुरी ने कहा कि आशंका थी कि संपत्ति की बढ़ती कीमतों और ब्याज दरों के साथ-साथ वैश्विक बाजार की अनिश्चितताएं आवासीय बिक्री को प्रभावित करेंगी, हालांकि उच्च मांग बनी रही।
मुंबई में सबसे ज्यादा बिके घर
आंकड़ों के अनुसार, शीर्ष सात शहरों में मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में सबसे अधिक बिक्री दर्ज की गई। दूसरे नंबर पर पुणे रहा। एमएमआर में बिक्री 40 प्रतिशत बढ़कर 1,53,870 इकाई रही, जो पिछले साल 1,09,730 इकाई थी। पुणे में आवासीय बिक्री 52 प्रतिशत बढ़कर 86,680 इकाई रही, जो पिछले साले 57,145 इकाई थी। दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बिक्री केवल तीन प्रतिशत बढ़कर 65,625 इकाई रही, पिछले साल यह 63,710 इकाई रही थी। बेंगलुरु में आवासीय बिक्री पिछले साल 49,480 इकाइयों की तुलना में 29 प्रतिशत बढ़कर 63,980 इकाई रही। कोलकाता में बिक्री नौ प्रतिशत बढ़कर 21,220 इकाई से 23,030 इकाई हो गई। चेन्नई में बिक्री पिछले कैलेंडर वर्ष में 16,100 इकाइयों से इस वर्ष 34 प्रतिशत बढ़कर 21,630 इकाई हो गई। रियल एस्टेट सलाहकार के अनुसार, कच्चे माल की लागत में वृद्धि और मजबूत मांग के कारण इन सात शहरों में आवासीय कीमत 10 से 24 प्रतिशत तक बढ़ीं।
नए साल में भी घरों की मांग बनी रहेगी
दिग्गज रियल एस्टेट एक्सपर्ट और अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने कहा कि नए साल में घरों की मांग बनी रहेगी। होम बायर्स को लग्जरियस घर खूब भा रहा है। लोग बड़े घरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसके चलते महंगे घरों की बिक्री बढ़ी है। यह ट्रेड नए साल में और बढ़ेगा क्योंकि भारतीय जीडीपी तेजी से बढ़ रही है। लोगों की आय बढ़ रही है। इसके चलते उनके सपने बड़े हो रहे हैं। जो 1बीएचके में रह रहा है, वो 2 बीएचके और जो 2बीएचके में रह रहा है वो 3बीएचके ले रहा है। जिसके पास घर नहीं है, वह अपने घर के सपने को पूरा कर रहा है। इसलिए घरों की मांग अगले 5 साल तक कम होने की उम्मीद नहीं है।