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Hindi News पैसा बिज़नेस RBI की सालाना रिपोर्ट से मिली खुश करने वाली खबर, महंगाई और भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर कही ये बातें

RBI की सालाना रिपोर्ट से मिली खुश करने वाली खबर, महंगाई और भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर कही ये बातें

रिपोर्ट के मुताबिक, सामान्य मानसून के साथ, अगर अल नीनो घटना नहीं होती है, तो मुद्रास्फीति के 2023-24 में नीचे जाने की उम्मीद है। थोक मुद्रास्फीति के घटकर 5.2% से कम रहने का अनुमान है, जो बीते वित्त वर्ष में 6.7% थी।

RBI - India TV Paisa Image Source : PTI RBI

भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को अपनी सालाना रिपोर्ट जारी किया। इसमें 2023-24 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में ग्रोथ रफ्तार बने रहने की बात कही गई। आरबीआई ने कहा कि महंगाई पर काबू पाने और जरूरी सामान की कीमत कम होने से भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी बनी रहेगी। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद भी है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि धीमी वैश्विक वृद्धि, लंबी अवधि से चला आ रहा रूस और यूक्रेन संकट और वैश्विक वित्तीय प्रणाली में दबाव की ताजा घटनाओं के कारण अगर वित्तीय बाजार में अस्थिरता होती है, तो इससे वृद्धि के लिए नकारात्मक जोखिम पैदा हो सकते हैं। 

महंगाई को काबू करने में सफल हुए 

आरबीआई ने कहा, ''मजबूत व्यापक आर्थिक नीतियों, जिंस कीमतों में नरमी, मजबूत वित्तीय क्षेत्र, स्वस्थ कॉरपोरेट क्षेत्र, सरकारी व्यय की गुणवत्ता पर लगातार जोर, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के पुनर्गठन और महंगाई के मोर्चे पर नरमी के कारण भारत की वृद्धि गति 2023-24 में बरकरार रहने की उम्मीद है।'' आरबीआई की 2022-23 के लिए वार्षिक रिपोर्ट में आगे कहा गया कि उसकी मौद्रिक नीति यह सुनिश्चित करने के लिए है कि वृद्धि को समर्थन देने के साथ ही मुद्रास्फीति लगातार तय लक्ष्य के करीब पहुंचे। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट इसके केंद्रीय निदेशक मंडल की एक वैधानिक रिपोर्ट है। 

मानसून समान्य रहने से महंगाई में कमी आएगी 

रिपोर्ट के मुताबिक, ''एक स्थिर विनिमय दर और एक सामान्य मानसून के साथ, अगर अल नीनो घटना नहीं होती है, तो मुद्रास्फीति के 2023-24 में नीचे जाने की उम्मीद है। थोक मुद्रास्फीति के घटकर 5.2 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है, जो बीते वित्त वर्ष में 6.7 प्रतिशत थी।'' वाह्य क्षेत्र के बारे में केंद्रीय बैंक ने कहा कि सेवाओं के मजबूत निर्यात और आयातित वस्तुओं की कीमतों में नरमी के कारण चालू खाता घाटा (सीएडी) सीमित रहने की उम्मीद है। आरबीआई ने कहा, ''वैश्विक अनिश्चितताओं के बने रहने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) प्रवाह अस्थिर रह सकता है।'' आरबीआई ने कहा कि वह खुदरा और थोक स्तर पर चल रही केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की पायलट परियोजनाओं का विस्तार करेगा। 

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