देश में मैनुफैक्चरिंग के पसंदीदा डेस्टिनेशन में गुजरात सबसे आगे है। देश के विनिर्माण क्षेत्र पर कोलियर्स इंडिया के व्यापक अध्ययन में यह बात सामने आई है। इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि मैनुफैक्चरिंग मार्केट साल 2025-26 तक 1 खरब डॉलर के वैल्युएशन तक पहुंच सकता है। IANS की खबर के मुताबिक, देश के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में गुजरात की भूमिका सबसे अहम होने वाली है। अध्ययन रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि गुजरात ने 2023 में विनिर्माण क्षेत्र में सबसे ज्यादा निवेश आकर्षित किया है।
गुजरात के बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र
खबर के मुताबिक, मैनुफैक्चरिंग के पसंदीदा डेस्टिनेशन में गुजरात के बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र का स्थान है। तीसरे पर तमिलनाडु ने जगह बनाई है। कोलियर्स का अध्ययन गुजरात की औद्योगिक उत्पादन विशेषज्ञता को रेखांकित करता है। इसमें राज्य के निर्यात मैनुफैक्चरिंग में विनिर्माण की हिस्सेदारी 12.5 प्रतिशत है। गुजरात विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र के लिए औद्योगिक सामान्य नीतियों से कुल मिलाकर 34.7 प्रतिशत प्रोत्साहन और लाभ अलॉट करता है। राज्य 10वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के लिए तैयार है।
औसत किराया में भी आगे
गुजरात राज्य का औसत किराया (लगभग 18.5 रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति माह) और पूंजी दरें (लगभग 16.50 मिलियन रुपये प्रति एकड़) राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे तुलनीय राज्यों से आगे हैं। गुजरात की 1600 किलोमीटर लंबी तटरेखा और कांडला, मुंद्रा, पीपावाव (एनएस: आरईएलवी) और हजीरा सहित प्रमुख बंदरगाह, 505 मिलियन टन के कुल कंटेनर थ्रूपुट को संभालते हुए, एक लॉजिस्टिक पावरहाउस के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करते हैं।
मैनुफैक्चरिंग सेक्टर के लिए करीब 34.7% प्रोत्साहन और लाभ किए अलॉट
कोलियर्स इंडिया के कार्यकारी निदेशक और सलाहकार सेवाओं के प्रमुख स्वप्निल अनिल ने गुजरात की भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि गुजरात ने अपनी नई औद्योगिक नीति के साथ, विशेष रूप से मैनुफैक्चरिंग सेक्टर के लिए करीब 34.7 प्रतिशत प्रोत्साहन और लाभ अलॉट किए हैं। राज्य की सबसे कम औसत सेटअप लागत के साथ इस समर्पित समर्थन ने 2023 में घरेलू और विदेशी दोनों निर्माताओं से 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है, जिससे गुजरात के औद्योगिक परिदृश्य में और तेजी आई है।
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