गुजरात के सूरत एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित कर दिया गया है। सरकार की ओर से इसे लेकर बुधवार को अधिसूचना जारी की गई है। अब तक गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट (अहमदाबाद) और राजकोट इंटरनेशनल एयरपोर्ट ही अंतरराष्ट्रीय उड़ान भर सकते थे। पिछले साल 15 दिसंबर को मोदी सरकार कैबिनेट की ओर से सूरत को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव पास किया गया था।
आर्थिक विकास में आएगी तेजी
प्रेस रिलीज में कहा गया किय ह रणनीतिक कदम अभूतपूर्व आर्थिक क्षमता को उजागर करने का वादा करता है, जिससे सूरत अंतरराष्ट्रीय विमानन परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी बन जाएगा और क्षेत्र में समृद्धि के एक नए युग को बढ़ावा मिलेगा।
रिलीज में आगे बताया गया कि सूरत हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देना आर्थिक विकास को बढ़ाने, विदेशी निवेश को आकर्षित करने और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के लिए सर्वोपरि है। यात्री यातायात और कार्गो संचालन में वृद्धि के साथ, हवाई अड्डे का अंतरराष्ट्रीय पदनाम क्षेत्रीय विकास के लिए महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
सूरत हवाई अड्डे को दिसंबर 2023 में एक नया एकीकृत टर्मिनल भवन मिला। इस उद्घाटन पीएम मोदी की ओर से किया गया था। सूरत हवाई अड्डे पर नया एकीकृत टर्मिनल भवन व्यस्त समय के दौरान 1,200 घरेलू यात्रियों और 600 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को संभालने की क्षमता है। जरूरत पड़ने पर इसकी क्षमता को 3000 यात्रियों तक बढ़ाया जा सकता है, जिससे इसकी प्रति वर्ष यात्रियों को संभलने की क्षमता 55 लाख तक हो जाती है। यह एयरपोर्ट करीब 353 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की योजना सूरत को सीधे बैंकॉक, मलेशिया और सिंगापुर जैसे शहरों से जोड़ने की है।
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