गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा ले रहा था ये गिरोह, जीएसटी अधिकारियों ने किया पर्दाफाश
GST Officer: जीएसटी अधिकारियों ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा उठा रहा था।
GST Officer: देश में जब से जीएसटी लागू किया गया है। वस्तुओं पर टैक्स देने की प्रक्रिया काफी आसान हो गई है। इस सुविधा का लाभ भारत के करोड़ों छोटे-बड़े उद्यमी उठा रहे हैं, जबकि कुछ ऐसे भी हैं जो सरकार को धोखा देकर गलत तरीके से पैसे बना रहे हैं। इसी संबंध में जीएसटी अधिकारियों ने 569 फर्जी कंपनियों के परिचालन और उनके माध्यम से गलत तरीके से 1,047 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि माल एवं सेवा कर (GST) के इंटेलिजेंस ऑफिसर की जयपुर टीम ने 14 राज्यों में फर्जीवाड़ा करने वाले इस गिरोह का पता लगाया है। यह गिरोह दिल्ली में रहकर फर्जी कंपनियों के जरिये फर्जीवाड़ा करता था। ये टीम समय-समय पर ऐसे गिरोह का पर्दाफाश करती रहती है।
मंत्रालय ने दी जानकारी
मंत्रालय के मुताबिक, दिल्ली के निवासी रिषभ जैन (30 वर्ष) ने इन फर्जी फर्मों के संचालन के लिए 10 कर्मचारी रखे हुए थे। इनकी गतिविधियों पर नजर रखने और आंकड़ों की पड़ताल के बाद अधिकारी इस फर्जीवाड़े में शामिल मुख्य व्यक्ति का पता लगाने के साथ उसे पकड़ने में सफल रही। इस गिरोह ने फर्जी कंपनियों के जरिये 6,022 करोड़ रुपये के कर-योग्य कारोबार को दिखाने वाले बिल जारी किए और इनकी मदद से 1,062 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया गया। अभी तक जीएसटी अधिकारियों ने इस गिरोह और ब्रोकरों के 73 बैंक खातों को जब्त कर लिया गया है।
हाल ही में मिले थे सुराग
जीएसटी को लेकर हाल ही में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। मध्य प्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि महकमे को फर्जी कारोबारी प्रतिष्ठानों के देशभर में फैले नेटवर्क के जरिये 8,100 करोड़ रुपये से ज्यादा की माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी के सुराग मिले हैं। वाणिज्यिक कर आयुक्त लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि राज्य माल एवं सेवा कर विभाग को इंदौर के एक प्रतिष्ठान के महीने भर के ई-वे बिलों की जांच के दौरान जीएसटी के इस बड़े फर्जीवाड़े का पहला सुराग मिला।