GST परिषद की बैठक 22 जून को होगी, ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को मिल सकती है ये राहत
जीएसटी परिषद अपनी 22 जून की बैठक में प्रक्रिया को तेज करने और समिति द्वारा अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समयसीमा निर्धारित करने का निर्णय ले सकती है। जीएसटी व्यवस्था में वर्तमान में 0, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के पांच कर स्लैब हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में माल एवं सेवा कर (GST) परिषद की बैठक 22 जून को होगी। इसमें ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर 28 प्रतिशत टैक्स की समीक्षा की जा सकती है। जानकारों का कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को भारी टैक्स से राहत दी जा सकती है। जीएसटी परिषद सचिवालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक 22 जून, 2024 को नयी दिल्ली में होगी।’ परिषद की पिछली बैठक सात अक्टूबर, 2023 को हुई थी, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल हुए थे। बैठक के एजेंडा की जानकारी अभी परिषद के सदस्यों को नहीं दी गई है। लोकसभा चुनाव के बाद यह परिषद की पहली बैठक होगी। जीएसटी परिषद ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए दांव के पूर्ण मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले की समीक्षा कर सकती है। यह कर एक अक्टूबर, 2023 से लागू हुआ था। जुलाई और अगस्त में अपनी बैठकों में जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ को कर योग्य दावों (बेट) के रूप में शामिल करने के लिए कानून में संशोधन को मंजूरी दी थी।
छह महीने के बाद समीक्षा होनी थी
साथ ही स्पष्ट किया था कि ऐसी आपूर्तियों के मामले में पूरे दांव मूल्य पर 28 प्रतिशत कर लगेगा। उस समय कहा गया था कि कार्यान्वयन की समीक्षा छह महीने बाद यानी अप्रैल, 2024 में की जाएगी। चूंकि अप्रैल के बाद से जीएसटी परिषद की कोई बैठक नहीं हुई है, इसलिए परिषद की 22 जून की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के कराधान की समीक्षा की उम्मीद है। जीएसटी परिषद के समक्ष एक अन्य महत्वपूर्ण लंबित मुद्दा दरों को युक्तिसंगत बनाना है और उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में एक समिति को आवश्यक दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए सुझाव देने का अधिकार दिया गया है।
जीएसटी के तहत पांच टैक्स स्लैब
जीएसटी परिषद अपनी 22 जून की बैठक में प्रक्रिया को तेज करने और समिति द्वारा अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समयसीमा निर्धारित करने का निर्णय ले सकती है। जीएसटी व्यवस्था में वर्तमान में 0, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के पांच कर स्लैब हैं। विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर उच्चतम 28 प्रतिशत कर दर के अलावा उपकर भी लगाया जाता है। डेलॉयट इंडिया की भागीदार एम एस मणि ने कहा कि परिषद को बहुप्रतीक्षित दरों को तर्कसंगत बनाने की चर्चा करनी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘ इसके अलावा, प्राकृतिक गैस जैसे कम प्रभाव वाले पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में शामिल करने का प्रारंभिक प्रयास व्यवसाय के लिए अत्यधिक लाभकारी होगा।’’
टैक्स देनदारी पर विचार संभव
केपीएमजी इन इंडिया के साझेदार एवं प्रमुख (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि अक्टूबर से पहले ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिए कर देयता, ईएसओपी की कर देयता, कॉरपोरेट गारंटी कर देयता सहित कई स्पष्टीकरणों पर विचार किया जा रहा है। हालिया मुकदमों के कारण विभिन्न दर-संबंधी स्पष्टीकरण भी अपेक्षित हैं। शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के भागीदार रजत बोस ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर कराधान और अक्टूबर, 2023 में पेश किए गए मूल्यांकन नियमों की समीक्षा जैसे प्रमुख उद्योग मुद्दों पर गौर करने की जरूरत है।