मंदी और महंगाई को धता बताते हुए भारतीय लोगों ने त्योहारों के बीच जमकर खरीदारी की है। देश की मजबूत कस्टमर डिमांड का पहला सबूत अक्टूबर माह के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों से मिलता है। अक्टूबर महीने में वस्तु एवं सेवा कर (GST ) संग्रह ने अब तक का दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। अक्टूबर महीने में GST कलेक्शन 16.6 प्रतिशत बढ़कर 1.52 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
GST संग्रह अप्रैल में लगभग 1.68 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। पिछले साल अक्टूबर में यह आंकड़ा 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक अक्टूबर 2022 में सकल जीएसटी संग्रह 1,51,718 करोड़ रुपये था। इसमें केंद्रीय GST 26,039 करोड़ रुपये, राज्य GST 33,396 करोड़ रुपये और एकीकृत GST की हिस्सेदारी 81,778 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्रित 37,297 करोड़ रुपये सहित) है।
आठ महीने से GST कलेक्शन 1.4 लाख करोड़ से ज्यादा
बयान में कहा गया कि उपकर के जरिए 10,505 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्रित 825 करोड़ रुपये सहित) जमा हुए। GST संग्रह लगातार आठ महीनों में 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। सितंबर 2022 में 8.3 करोड़ ई-वे बिल निकाले गए, जो अगस्त 2022 के 7.7 करोड़ ई-वे बिल से काफी अधिक हैं।
आज से GST रिटर्न में कोड देना अनिवार्य
जीएसटी रिटर्न भरने वाले टैक्सपेयर्स को 1 नवंबर से चार अंको का HSN कोड देना अनिवार्य हो जाएगा। यह नियम 5 करोड़ से कम कमाई वाले करदाताओं के लिए लागू होगा। पहले दो अंको का HSN कोड देना होता था। 1 अगस्त को 5 करोड़ से अधिक इनकम वाले टैक्सपेयर्स के लिए 6 अंको का कोड अनिवार्य किया गया था।
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