दुनिया भर में लक्जरी कारों के लिए विख्यात जर्मन कंपनी रॉल्स रॉयस भारत आ रही है। लेकिन रॉल्स रॉयस भारत में कार नहीं बनाएगी बल्कि यह समुद्री डीजल इंजन का निर्माण करेगी। इस संबंध में रोल्स रॉयस सॉल्यूशंस ने रक्षा क्षेत्र की पीएसयू गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) के साथ करार (एमओयू) किया है।
एक अधिकारी ने शनिवार को यहां बताया कि इस एमओयू के तहत जीआरएसई के रांची स्थित संयंत्र में समुद्री डीजल इंजन बनाए जाएंगे। एमओयू पर हस्ताक्षर के समय भारतीय नौसेना के प्रमुख वाइस एडमिरल संदीप नैथानी भी मौजूद थे। जीआरएसई के अधिकारी ने एक बयान में कहा, यह एमओयू समुद्री डीजल इंजन बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण, पेंटिंग, कलपुर्जे लेने और बिक्री के बाद सेवा से संबंधित है। इसे जीआरएसई के रांची स्थित डीजल इंजन संयंत्र में असेंबल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस पहल से स्थानीय कलपुर्जा विनिर्माताओं को विशेष लाभ होगा। समझौते के तहत एमटीयू एस4000 समुद्री इंजनों को बनाया जाएगा। तीव्र गति वाले गश्ती जहाजों, इंटरसेप्टर नौकाओं और तीव्रगामी पोतों में इस्तेमाल होने वाले इन इंजनों को फिलहाल आयात किया जाता है।
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