ग्रेटर नोएडा के हजारों घर खरीदारों (home buyers) के लिए अच्छी खबर है। अब उनके फ्लैट्स की रजिस्ट्री (registry of flats) का रास्ता साफ हो गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) के बोर्ड ने मंगलवार को रियल एस्टेट परियोजनाओं के संबंध में अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश को लागू कर दिया। इस कदम का मकसद खरीदारों को जल्द घर दिलाने और बिल्डरों की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने में मदद करना है।
75,000 घर खरीदारों को होगा फायदा
अधिकारियों के मुताबिक, इस फैसले से 117 समूह आवासीय परियोजनाओं (group housing projects) और करीब 75,000 घर खरीदारों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही भवन निर्माताओं को परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अधिक समय, बकाया जमा करने के लिए समय अवधि विस्तार, बंधक अनुमति, प्रचलित एफएआर की खरीद, घर खरीदारों को तीन महीने में पंजीकरण का लाभ जैसी कई अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
लागू हुईं अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें
यह फैसला ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 133वीं बोर्ड बैठक के दौरान इसके चेयरमैन और उत्तर प्रदेश अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में लिया गया। बोर्ड सदस्य के रूप में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एन जी रवि कुमार और नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम मौजूद रहे। जीएनआईडीए ने बयान में कहा कि 133वीं बोर्ड बैठक में अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों (Amitabh Kant Committee recommendations)को लागू करने पर जारी सरकारी आदेश को अपनाया गया।
शर्तों को न मानने पर नहीं मिलेगा फायदा
बयान में कहा गया कि शर्तों का उल्लंघन करने पर बिल्डरों को लाभ नहीं मिल पाएगा। जीएनआईडीए ने कहा कि समिति की सिफारिशें समूह आवास परियोजनाओं पर लागू होंगी और यदि समूह आवास में वाणिज्यिक हिस्सा भी शामिल है, तो उस पर भी सिफारिशें शामिल होंगी। अगर समूह आवासीय परियोजनाएं एनसीएलटी या अदालत में है, तो उसे इस पैकेज का लाभ तभी मिल सकता है, जब मुकदमा वापस ले लिया जाएगा। जीएनआईडीए ने कहा कि ये सिफारिशें वाणिज्यिक, संस्थागत और औद्योगिक परियोजनाओं पर लागू नहीं होंगी।
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