हिंडनबर्ग समूह के आरोपों के बाद अडानी समूह को मुश्किलों से उबारने वाले जीक्यूजी पार्टनर्स ने एक बार फिर कंपनी ने बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी है कि अडानी समूह की कंपनी अडानी पावर में अमेरिकी निवेश फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स ने 1.1 अरब डॉलर का निवेश करते हुए 8.1 प्रतिशत हिस्सेदारी ली है। भारतीय करंसी में बात की जाए तो यह डील करीब 9000 करोड़ रुपये की है।
31 हजार शेयरों की खरीदारी
मामले से परिचित सूत्रों ने कहा कि जीक्यूजी पार्टनर्स ने शेयर बाजार में 31 करोड़ शेयरों की खरीदारी कर यह हिस्सेदारी हासिल की है। यह बाजार से शेयर खरीद का अब तक का सबसे बड़ा सौदा है। अडाणी पावर के प्रवर्तक अडाणी परिवार के पास रखे इन शेयरों की बिक्री 1.1 अरब डॉलर यानी करीब 9,000 करोड़ रुपये में की गई। इसके पहले, जीक्यूजी पार्टनर्स ने समूह की एक अन्य कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) में भी 6.8 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया हुआ है।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद लगातार बढ़ाया निवेश
बता दें कि जून के आखिर में GQG Partners और कुछ अन्य विदेशी निवेशकों ने अडानी ग्रुप की दो कंपनियों अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ग्रीन एनर्जी में एक अरब डॉलर का और निवेश किया था। मार्च में GQG Partners ने पहली बार अडानी ग्रुप के शेयरों में दांव लगाया था जब हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयरों में जबरदस्त टूट देखने को मिल रही थी। जीक्यूजी पार्टनर्स ने तब 15,000 करोड़ रुपये के निवेश के जरिए अडानी एंटरप्राइजेज सहित अडानी ग्रुप के चार शेयरों में हिस्सेदारी खरीदी थी। जून क्वार्टर के आखिर में अडानी एंटरप्राइजेज में जीक्यूजी पार्टनर्स की हिस्सेदारी 2.67 फीसदी पर रही जो मार्च तिमाही के आखिर में 1.43 फीसदी पर रही थ
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