वैश्विक मंदी, घटते निर्यात, बढ़ती महंगाई और लुढ़कते डॉलर के बीच आज मंगलवार को केंद्र सरकार आर्थिक स्थिति का रिपोर्टकार्ड पेश करने जा रही है। आज सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय दिसंबर तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों को पेश करेगी। इसी के साथ वित्तवर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का दूसरा अग्रिम अनुमान भी पेश किया जाएगा।
घटेंगे ग्रोथ के अनुमान?
साथ ही मंत्रालय वित्तवर्ष 2021-22 के लिए आर्थिक वृद्धि का संशोधित अनुमान भी जारी करेगा। पिछले साल मई में इसके 8.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। पिछले महीने जारी किए गए पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, वित्तवर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत रह सकती है।
रिजर्व बैंक ने घटाया है ग्रोथ का अनुमान
जीडीपी का दूसरा अग्रिम अनुमान इस मायने में महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई ने इससे पहले सात प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद जताई थी। रिजर्व बैंक ने वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 2022-23 में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में इसके क्रमश: 4.4 प्रतिशत और 4.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद थी।
विभिन्न संस्थाओं ने घटाए अनुमान
भारत में सिकुड़ती अर्थव्यवस्था को देखते हुए दुनिया भर की बड़ी आर्थिक संस्थाओं ने भारत को लेकर ग्रोथ के प्रोजेक्शन में बड़ी कटौती की है। इस साल रिजर्व बैंक ही नहीं बल्कि एडीबी और अन्य रेटिंग एजेंसियों ने भी भारत की रेटिंग में कमी की है। वित्तवर्ष 2022-23 में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सात प्रतिशत विस्तार का अनुमान लगाया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने की बात कही है।
Latest Business News