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Hindi News पैसा बिज़नेस आम लोगों को सताने लगी दाल की महंगाई! सरकार के इस कदम से खत्म हो सकती है परेशानी

आम लोगों को सताने लगी दाल की महंगाई! सरकार के इस कदम से खत्म हो सकती है परेशानी

फरवरी से लेकर अब तक 1150 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल देखने को मिला है। इससे फुटकर दाम में भी 10 रुपये से लेकर 15 रुपये तक तेजी आई है।

Tuar Daal- India TV Paisa Image Source : FILE Tuar Daal

अनाज की महंगाई के बीच बीते एक सप्ताह से लोगों को दाल की महंगाई सताने लगी है। इसे देखते हुए सरकार अब एक्शन मोड में आ गई है। सरकार ने दालों की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए इसकी जमाखोरी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। फरवरी से लेकर अब तक 1150 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल देखने को मिला है। इससे फुटकर दाम में भी 10 रुपये से लेकर 15 रुपये तक तेजी आई है।

इसके तहत सरकार ने दाल आयातकों से पारदर्शी तरीके से नियमित आधार पर दालों का भंडार के बारे में जानकारी देने को कहा है। साथ ही अनाज की जमाखोरी नहीं करने को कहा है। घरेलू बाजार में दाल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये यह निर्देश दिया गया है। 

आधिकारिक बयान के अनुसार, उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने दाल के बड़े आयातकों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जो भी उनके पास भंडार हैं, उसके बारे में नियमित आधार पर और पारदर्शी तरीके से जानकारी दें। उन्हें सलाह दी गई कि वे दाल की ऐसी कोई जमाखोरी नहीं करें जिससे घरेलू बाजार में दालों की उपलब्धता बाधित हो। इस बीच, अतिरिक्त सचिव निधि खरे की अध्यक्षता वाली समिति ने बुधवार को सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक की। 

बैठक में उनसे उनसे अनुरोध किया गया कि वे भंडार की घोषणा से जुड़े पोर्टल पर इकाइयों की संख्या बढ़ाने के लिये सभी स्रोतों की संभावना टटोले। इसमें कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) पंजीकृत दाल कारोबारी और जीएसटी पंजीकृत कारोबारी शामिल हैं। घोषित भंडार के सत्यापन के लिये राज्यों से यह भी अनुरोध किया गया था कि वे गोदाम की सुविधा उपलब्ध कराने वाले सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के सेवा प्रदाताओं से जानकारी प्राप्त करें।

लगातार बढ़ रही कीमतें 

अरहर (तुअर) दाल रिकार्ड महंगी होती जा रही है। इसका असर शहर के बाजार पर भी पड़ रहा है। फरवरी से लेकर अब तक 1150 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल देखने को मिला है। इससे फुटकर दाम में भी 10 रुपये से लेकर 15 रुपये तक तेजी आई है। फरवरी में 8550 रुपये प्रति क्विंटल दाम थे, जो बढ़कर 9700 रुपये तक पहुंच गए हैं। कई व्यापारियों ने बताया कि यहां भी जमाखोरी शुरू हो गई है, इसलिए दाम में तेजी आ रही है। इसे रोकने के लिए जिला प्रशासन ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया तो अप्रैल में दाम और चढ़ जाएंगे।

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