भारत जल्द ही दुनिया के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर उद्योग के रूप में उभरने जा रहा है। दुनिया में सेमीकंडक्टर के निर्माण से जुड़ी सबसे बडत्री अमेरिकी चिप कंपनी माइक्रोन (Micron) भारत में अपना प्लांट स्थापित करने जा रही है। देश में 2.7 अरब डॉलर के निवेश के साथ सेमीकंडक्टर परीक्षण और पैकेजिंग इकाई (OSAT) स्थापित करने की परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी दे दी है।
बता दें कि कोरोना काल में सप्लाई चेन बिगड़ने के चलते दुनिया भर में चिप संकट पैदा हो गया था। जिसकी सबसे बुरी मार वाहन और मोबाइल उद्योग पर पड़ा था। वहीं बाइडेन प्रशासन द्वारा चीन को होने वाले निर्यात पर रोक लगाने के बाद स्थिति और भी पेचीदा हो गई थी।
भारत में पैदा होंगे रोजगार के मौके
भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग को मंजूरी मिलने से जहां स्थानीय कंपनियों के लिए चिप की किल्लत दूर होगी, वहीं भारत को निर्यात से विदेशी मुद्रा कमाने का भी मौका मिलेगा। इसके अलावा यह जॉब मार्केट के लिए भी बड़ा मौका होगा। माइक्रोन के भारत में लगने वाले इस प्लांट से 5,000 नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है।
भारत में स्थापित होगी असेंबली यूनिट
एक सूत्र ने परियोजना के ब्योरे की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘इसे लगभग एक सप्ताह पहले मंजूरी दी गई।’’ माइक्रोन कंप्यूटर मेमोरी उत्पाद, फ्लैश ड्राइव आदि में विशेषज्ञता रखती है। यह भारत में एक ओएसएटी (आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट) संयंत्र स्थापित करेगी जो इसके उत्पाद को उपयोग के लिए तैयार करने के लिए परीक्षण और पैकेजिंग करेगा।
चार OSAT परियोजनाओं को मंजूरी
पहले चरण में सरकार ने चार ओएसएटी परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें टाटा समूह, सहस्रा सेमीकंडक्टर्स के प्रस्ताव शामिल है। एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘‘सहस्रा सेमीकंडक्टर्स पहला ओएसएटी संयंत्र है, जिसके जल्द ही उत्पादन शुरू करने की उम्मीद है।’’ इस बारे में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा माइक्रोन से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
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