मोदी सरकार भारत को विकासशील से विकसित देश बनाने के लिए दिनरात काम कर रही है। इसके लिए सरकार हर उस क्षेत्र पर जोर दे रही है, जिसका भारतीय जीडीपी में बड़ा योगदान है। सरकार के नीतियों का असर भी हुआ है और भारत दुनियां की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। अब सरकार इसे तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम कर रही है। साथ ही भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने को लक्ष्य तय की है। भारत को विकसित राष्ट बनाने के लिए सरकार ने युवाओं को जोड़ने का प्लान बनाया है।
इस बाबत नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बी वी आर सुब्रमण्यम ने रविवार को कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के अपने दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सरकार युवाओं से सुझाव मांगेगी। युवाओं की ओर से मिले सुझाव को देश को विकसित बनाने के लिए बनने वाली योजना में शामिल किया जाएगा।
700 से अधिक विश्वविद्यालयों के युवा साझा करेंगे सुझाव
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से संचालित किया जाएगा। सुब्रमण्यम ने कहा कि विकसित भारत के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी युवाओं के विचार जानने के लिए सोमवार को 700 से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की देशभर के राजभवनों में आयोजित कार्यशालाओं को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक लगभग 30 लाख करोड़ डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक दृष्टि-पत्र तैयार किया जा रहा है और इसे अगले साल जनवरी के अंत तक प्रधानमंत्री द्वारा जारी कर दिया जाएगा।
आम लोगों से राय लेने के लिए बनाया गया एक वेबसाइट
नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि नवोन्वेषी विचारों की आवश्यकता है क्योंकि परंपरागत तरीके से मदद नहीं मिलेगी। सुब्रमण्यम ने कहा कि युवाओं और बाकी सभी लोगों के लिए एक वेब पेज एक महीने तक सक्रिय रखा जाएगा। इस पेज पर लोग भारत को वर्ष 2047 तक विकसित बनाने के लिए जरूरी कदमों एवं अपनी अपेक्षाओं के बारे में राय भेज सकेंगे।
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