कोचीन शिपयार्ड में भारत सरकार 5 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचेगी। सरकार ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि 16 अक्टूबर से 1,540 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर ओएफएस के जरिये हिस्सेदारी बिक्री करेगी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बताया कि कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में बिक्री के लिए प्रस्ताव बुधवार से गैर-खुदरा निवेशकों के लिए खुलेगा।
खुदरा निवेशक 17 अक्टूबर को लगा सकते हैं बोली
खबर के मुताबिक, इस ओएफएस में खुदरा निवेशक और सीएसएल के कर्मचारी गुरुवार, 17 अक्टूबर को बोली लगा सकते हैं। सरकार 2. 5 प्रतिशत इक्विटी या 65. 77 लाख शेयर बेचेगी, जिसमें अतिरिक्त 2. 5 प्रतिशत बेचने का विकल्प होगा। 1,540 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर, 5 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से सरकारी खजाने को लगभग 2,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। मंगलवार के बंद भाव 1,672 रुपये की तुलना में न्यूनतम मूल्य लगभग 8 प्रतिशत कम है।
सरकार के पास है 72.86 प्रतिशत हिस्सेदारी
कोचीन शिपयार्ड के शेयर बीएसई पर 3.03 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,672 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए। सरकार के पास फिलहाल कोचीन शिपयार्ड में 72.86 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने बीते बुधवार को रक्षा क्षेत्र की नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को एक्स बैंड में स्वदेशी मल्टी-फंक्शन रडार की आपूर्ति के लिए 850 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया है। डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा निर्मित पूर्ण स्वदेशी रडार, नौसेना के जहाजों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए हवाई लक्ष्यों का पता लगाने, प्राप्त करने और ट्रैक करने में सक्षम है।
मार्च 2024 तिमाही में शानदार प्रॉफिट कमाया था
सरकारी स्वामित्व वाली कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने मार्च 2024 तिमाही के लिए अपने समेकित शुद्ध लाभ में कई गुना वृद्धि के साथ 258.88 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की थी। कंपनी ने एक साल पहले की इस अवधि में इसने 39.33 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था। कंपनी की कुल आय जनवरी-मार्च वित्त वर्ष 23 में 671.32 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,366.16 करोड़ रुपये हो गई थी। तब कंपनी के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024 के लिए 2.25 रुपये प्रति शेयर के अंतिम लाभांश को भी मंजूरी दी थी। कोचीन शिपयार्ड भारत में अग्रणी जहाज निर्माण और मरम्मत यार्डों में से एक है। इसके पास अपतटीय निर्माण और भविष्य के विस्तार के लिए एक विशेष क्षेत्र भी है।
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