वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि उनका मंत्रालय ‘जन विश्वास विधेयक 2.0’ पर काम कर रहा है और यह विधेयक अगले साल बजट सत्र में संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है। मंत्री ने कहा कि छोटे अपराधों को और अधिक अपराध-मुक्त बनाने के लिए हितधारकों तथा विभागों से कई सुझाव मिले हैं। जन विश्वास कानून के 42 अधिनियमों के 183 प्रावधानों में संशोधन के जरिये छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल लागू किया गया था।
हितधारकों के साथ जारी है बातचीत
अब मंत्रालय ‘जन विश्वास विधेयक 2.0’ पर काम कर रहा है और इसके लिए हितधारकों के साथ बातचीत जारी है। गोयल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें अभी तक काफी अच्छी प्रतिक्रियाएं मिली हैं। कई विभाग अपने मंत्रालयों के तहत कानूनों को अपराधमुक्त करने के लिए सक्रिय सुझाव लेकर सामने आए हैं। हितधारकों ने उन क्षेत्रों पर अच्छे विचार प्रस्तुत किए हैं, जहां वे सुरक्षा तथा राष्ट्रीय हित से समझौता किए बिना अपराधमुक्त बनना चाहते हैं।’’
बजट सत्र में किया जा सकता है पेश
संसद के शीतकालीन सत्र में ‘जन विश्वास विधेयक 2.0’ को पेश किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि विचार-विमर्श के लिए अधिक समय की आवश्यकता होगी, इसलिए बजट सत्र में इसे पेश किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम को छोटे अपराधों को अपराधमुक्त करने के एक प्रगतिशील उपाय के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है। इसने सरकार को ‘जन विश्वास विधेयक 2.0’ के जरिये अपराधमुक्त बनाने के एक और दौर के लिए हितधारकों के साथ साझेदारी में काम करने को प्रोत्साहित किया है। गोयल ने यह भी कहा कि देश के कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए इन कदमों से देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है।
FDI को मिल रहा बढ़ावा
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत बेहद आकर्षक एफडीआई गंतव्य है। सरकार निवेश आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है और इसके साथ ही भारत की बढ़ती आकांक्षाएं निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में एफडीआई बढ़ाने में मदद करेंगी।’’ सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सेवा, कंप्यूटर, दूरसंचार और औषधि क्षेत्रों में अच्छे निवेश के कारण चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 47.8 प्रतिशत बढ़कर 16.17 अरब डॉलर हो गया।
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