सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) द्वारा लौटाई गई 17 खदानों की नीलामी करने की योजना बना रही है। कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इन ब्लॉकों को अभी तक चालू नहीं किया जा सका है। सरकार घरेलू कोयला उत्पादन में तेजी लाने के प्रयास कर रही है, ताकि विभिन्न क्षेत्रों में शुष्क ईंधन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। इस सिलसिले में यह बयान महत्वपूर्ण है।
पीएसयू के पास बड़ी संख्या में खदानें
जोशी ने कहा, ‘‘एक दिन पहले (रविवार) मुझे 17 ब्लॉक वापस मिले हैं और ये बहुत अच्छे ब्लॉक हैं और मैं उन्हें अब नीलामी के लिए रख रहा हूं। एनएमडीसी और फिक्की द्वारा आयोजित भारतीय खनिज और धातु उद्योग पर एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि देश में कोयला जैसे क्षेत्रों में कई पीएसयू के पास बड़ी संख्या में खदानें हैं। सरकार ने इन पीएसयू से ऐसी सभी खदानों को वापस लेने का फैसला किया है, जिन्हें पांच से छह साल बीत जाने के बाद भी चालू नहीं किया गया। इन खदानों की नीलामी की जाएगी।
10 से 15 साल बाद भी चालू नहीं खदानें
जोशी ने कहा, ‘‘मैंने कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों से बात की है और उनसे खदान लेकर काम नहीं करने के बारे में पूछा। ये खदानें 10 से 15 साल बाद भी चालू नहीं हो सकी हैं।’’ जोशी ने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय पर्यावरण और वन मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर रहा है, ताकि पेड़ों को काटे बिना खदानों की खोज की जा सके।
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