प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए कुल अकाउंट्स में 11. 30 करोड़ खाते निष्क्रिय हो चुके हैं। यानी इनमें कोई ट्रांजैक्शन लंबे समय से नहीं हो रहा है। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत अबतक कुल 54. 03 करोड़ खाते खोले गए हैं। पीटीआई की खबर के मुताबिक, निष्क्रिय बैंक अकाउंट्स में 20 नवंबर, 2024 तक 14,750 करोड़ रुपये का बैलेंस है।
निष्क्रिय खातों का प्रतिशत घटा
खबर के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के लिए निष्क्रिय प्रधानमंत्री जन धन खातों का प्रतिशत मार्च 2017 में 39. 62 प्रतिशत से घटकर नवंबर 2024 में 20. 91 प्रतिशत हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गाइडलाइंस के मुताबिक, बचत के साथ-साथ चालू खाते को भी निष्क्रिय/निष्क्रिय माना जाना चाहिए, अगर खाते में दो साल से अधिक समय तक कोई ग्राहक प्रेरित लेनदेन नहीं होता है। चौधरी ने कहा कि बैंक लगातार सक्रिय खातों के प्रतिशत की निगरानी के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं और सरकार द्वारा प्रगति की नियमित निगरानी की जा रही है।
जरूरी कदम उठाने की सलाह दी गई
केंद्रीय मंत्री ने यह भी जानकारी देते हुए कहा कि बैंकों को निष्क्रिय खातों की संख्या को कम करने और ऐसे खातों को एक्टिव करने की प्रक्रिया को आसान और परेशानी मुक्त बनाने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने की सलाह दी गई है। इसमें मोबाइल/इंटरनेट बैंकिंग, नॉन-होम ब्रांच, वीडियो प्रक्रिया आदि के जरिये केवाईसी के निर्बाध अपडेट को इनेबल करना शामिल है।
क्या है जनधन अकाउंट
प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन है, जिसका मकसद किफायती तरीके से वित्तीय सेवाओं, जैसे कि बुनियादी बचत और जमा खाते, मनी ट्रांसफर, लोन, इंश्योरेंस, पेंशन तक पहुंच सुनिश्चित करना है। इसके तहत, बुनियादी बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता किसी भी बैंक शाखा या बैंक मित्र आउटलेट में खोला जा सकता है, जिनके पास कोई अन्य खाता नहीं है।
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