सरकार अगले साल अप्रैल से उपभोक्ता शिकायतों को ऑनलाइन दायर करने का परमिशन दे देगी। केंद्र सरकार के इस कदम से शिकायतों को तेजी से निपटाने में मदद मिलेगी। फिलहाल जो लोग उपभोक्ता आयोग या अदालतों में जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते है। उपभोक्ता शिकायतों के लिये इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग (ई-फाइलिंग) विकल्प सात सितंबर 2020 को पेश किया गया था।
एक अप्रैल 2023 से होगी शुरुआत
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ई-फाइलिंग की सफलता को देखते हुए हम देश में सभी उपभोक्ता आयोग में एक अप्रैल 2023 से ई-फाइलिंग को अनिवार्य करने जा रहे हैं। ई-फाइलिंग व्यवस्था अनिवार्य होने से लोग उपभोक्ता शिकायतें अपनी रुचि के हिसाब से बिना वकील की मदद से सीधे दर्ज करा सकेंगे।
तीन स्तरीय व्यवस्था करेगी सरकार
उन्होंने कहा कि एक बार शिकायत ऑनलाइन दाखिल होने से मामलों का समाधान करने में तेजी आएगी। उपभोक्ता शिकायतों के निपटान के लिये तीन स्तरीय व्यवस्था है। सबसे पहला जिला उपभोक्ता विवाद निपटान मंच है। राज्य स्तर पर राज्य उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग और राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग है।
अब नहीं चलेगी वकीलों की मनमानी
मंत्रालय ने आसान फाइलिंग और मामलों को जल्द निपटाने के उद्देश्य से देश में उपभोक्ता अदालतों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए कई उपाय किए हैं। इसका फायदा आने वाले समय में एक बड़े लेवल पर देखने को मिलेगा। इससे वकीलों की मनमानी पर भी रोक लगेगी। पहले जब आम व्यक्ति शिकायत को लेकर किसी वकील से संपर्क करता था तो वह अपना चार्ज अधिक बताकर जनता को लूटने की कोशिश करते थे और मामले को लंबा समय तक खींचने के लिए कई तरीके अपनाते थे। इससे आम ग्राहकों को काफी समस्या होती थी। अब इस तरह की सभी समस्याओं का समाधान इस ऑनलाइन शिकायत के माध्यम से किया जा सकेगा।
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