नई दिल्ली। छोटे दुनादरों को बड़ा बजार मुहैया कराने और देश की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी Amazon-Flipkart की मनमानी खत्म करने के लिए केंद्र सरकार अपना ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) लॉन्च करने जा रही है। इस प्लेटफॉर्म को बनाने में सरकार की मदद कर रहे हैं तकनीकी दुनिया के दिग्गज और आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि जिन्होंने भारत के लगभग 140 करोड़ लोगों के लिए बायोमेट्रिक पहचान आधार उपलब्ध कराई है।
साबुन से लेकर हवाई टिकट खरीद पाएंगे
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उद्देश्य छोटे दुकानदारों के अधिकारों की रक्षा करना है। मौजूदा दौर में अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां खुदरा कारोबार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अरबों रुपये निवेश कर रही हैं। इससे छोटे दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बदलते हालत को देखते हुए सरकार यह मु्फ्त का ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लेकर आ रही है। इसमें साबुन से लेकर हवाई टिकट की बुकिंग उपभोक्ता कर पाएंगे। वहीं, इससे जुड़ने वाले सेलर को कोई शुल्क नहीं देना होगा। इससे उनको अपने कारोबार को बिना किसी खर्च से बढ़ाने में मदद मिलेगी।
लाभ के मॉडल पर काम नहीं करेगा प्लेटफॉर्म
सरकार द्वारा तैयार किया जा रहा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लाभ कमाने के लिए नहीं होगा। वह नॉट-फॉर-प्रॉफिट सिस्टम पर काम करेगा, जो डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क या ओएनडीसी के नाम से जाना जाता है। इसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं को बड़ा बाजार उपब्लध करना होगा। सरकार सभी के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाएगी, जिसे अमेजेन जैसी कंपनियों की पकड़ कम करने में मदद मिलेगी। अमेजन-फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां आज यह तय करती है कि किन ब्रांडों को प्रमुख उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाया और किन्हे नहीं।
अगले महीने पांच शहरों में शुरू करने की तैयारी
सरकार द्वारा संचालित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अगले महीने पांच शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर शुरू किया जाएगा। हालांकि, इस प्लेटफॉर्म की सबसे बड़ी चुनौती होगी यह सुनिश्चित करना होगा कि नेटवर्क अपने लक्ष्यों को हासिल करे। अमेजन और फ्लिपकार्ट बाजार पर हावी हैं क्योंकि उनकी तकनीक व्यापारियों और खरीदारों को उनके प्लेटफॉर्म पर आकर्षित करती है।
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