सरकारी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल में अकेले 50,200 करोड़ रुपये से कुछ अधिक का पूंजीगत खर्च (कैपिटल एक्सपेंडिचर) किया है। यह 2024-25 के 7.77 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय लक्ष्य का 6.46 प्रतिशत है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। हालांकि, यह पिछले वित्त वर्ष के अप्रैल महीने में खर्च की गई 54,177 करोड़ रुपये की राशि से कम है। पिछले वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत खर्च का लक्ष्य 7.42 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह अप्रैल में सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े उपक्रमों का पूंजीगत व्यय लक्ष्य का 7.3 प्रतिशत रहा था।
कैपिटल एक्सपेंडिचर में बढ़ोतरी होगी
अधिकारी ने कहा, आगे चलकर पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा अप्रैल के आंकड़े अभी अस्थायी हैं और संशोधित अंतिम आंकड़ों में यह बढ़ जाएगा। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले महीने के दौरान पूंजीगत व्यय में प्रमुख योगदान रेलवे, सड़क और तेल और गैस क्षेत्रों का रहा है। भारतीय रेलवे और क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों ने अप्रैल में 26,641 करोड़ रुपये खर्च किए। इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने 6,645 करोड़ रुपये खर्च किए। तेल और गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों में, ओएनजीसी ने चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में 2,318 करोड़ रुपये, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने 2,423 करोड़ रुपये खर्च किए। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने अप्रैल में क्रमश: 1,155 करोड़ रुपये और 417 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया।
एनटीपीसी ने 2,083 करोड़ खर्च किए
बिजली क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम एनटीपीसी ने 2,083 करोड़ रुपये खर्च किए। वित्त मंत्रालय उन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के पूंजीगत व्यय पर नज़र रखता है जिनका वार्षिक निवेश लक्ष्य 100 करोड़ रुपये से अधिक है। 2024-25 के अंतरिम बजट में सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए कुल 9.01 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें से 7.77 लाख करोड़ रुपये का निवेश ऐसे सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा किया जाना है जिनका वार्षिक पूंजीगत व्यय लक्ष्य 100 करोड़ रुपये से अधिक है।
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