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Hindi News पैसा बिज़नेस Govt bans 156 medicines : हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाली किन 156 दवाओं को सरकार ने किया बैन? यहां देखिए पूरी लिस्ट

Govt bans 156 medicines : हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाली किन 156 दवाओं को सरकार ने किया बैन? यहां देखिए पूरी लिस्ट

Govt bans 156 medicines : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाली 156 एफडीसी दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें एंटीबायोटिक्स, एंटी-एलर्जिक्स, बुखार, हाई ब्लड प्रेशर, दर्द निवारक दवाएं और मल्टीविटामिन शामिल हैं।

प्रतिबंधित दवाएं- India TV Paisa Image Source : PIXABAY प्रतिबंधित दवाएं

Govt bans 156 combination medicines : आपकी हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाली 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। इन दवाओं में एंटीबायोटिक्स, एंटी-एलर्जिक्स, बुखार, हाई ब्लड प्रेशर, दर्द निवारक दवाएं और मल्टीविटामिन शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इन दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। मंत्रालय ने यह फैसला औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड (DTAB) और केंद्र सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के बाद लिया है।

दवा में डले कमेकिल का औचित्य नहीं

केंद्र सरकार और डीटीएबी द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने इन दवाओं की जांच की। जांच में सामने आया कि इन दवाओं में डाले गए केमिकल का कोई मेडिकल औचित्य नहीं है। प्रतिबंधित की गई दवाओं में मेफेनामिक एसिड भी शामिल है। इसका उपयोग दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। वहीं, ओमेप्राजोल मैग्नीशियम और डायसाइक्लोमाइन एचसीएल का यूज पेट दर्द के इलाज में होता है। एक अन्य एफडीसी में उर्सोडिऑक्सीकोलिक एसिड और मेटफॉर्मिन एचसीएल का संयोजन शामिल है। इसका उपयोग डायबिटीज वाले लोगों में फैटी लीवर के इलाज के लिए होता है।

दवा

फायदे से ज्यादा नुकसान

स्किन इन्फेक्शन को रोकने में यूज होने वाले पोविडोन आयोडीन, मेट्रोनिडाजोल और एलो की खुराक को भी प्रतिबंधित किया गया है। जांच में कहा गया कि प्रतिबंधित की गई इन दवाओं के इस्तेमाल से लोगों को नुकसान होने का खतरा है। जबकि इन दवाओं के सुरक्षित विकल्प मार्केट में उपलब्ध हैं। सरकार ने इन दवाओं के दावों को सही नहीं पाया और यह फैसला लिया कि इनके उपयोग से मरीजो को फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है। मंत्रालय ने कहा कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 26ए के तहत इस दवाओं के निर्माण, बिक्री या वितरण पर प्रतिबंध लगाना जरूरी हो गया था।

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