नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच सैन्य तनाव बढ़ने से मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में खुलते ही भूचाल आ गया। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 1000 अंक से अधिक टूट गया। निफ्टी में भी बड़ी गिरावट आई। हालांकि, बाजार में बाद में तेजी से रिकवारी लौटी और बंद होने पर सेंसेक्स 382.91 अंक टूटकर 57,300.68 अंक पर और निफ्टी 114.45 अंक के नुकसान से 17,092.20 अंक पर बंद हुआ।
वैश्विक बाजार में भी रही बिकवाली
यूक्रेन के पूर्वी इलाकों की तरफ रूसी सेना को बढ़ने का आदेश जारी होने का एशियाई बाजारों पर गहरा असर देखने को मिला और मंगलवार को इनमें तेज गिरावट दर्ज की गई। जापान का निक्केई सूचकांक शुरुआती कारोबार के दौरान 2.2 प्रतिशत गिर गया जबकि हांगकांग के सूचकांक हांगसेंग में 3.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। एशियाई कारोबार में कोरिया के कोस्पी में भी 1.8 प्रतिशत की सुस्ती देखी गई। शंघाई कंपोजिट सूचकांक भी शुरुआती कारोबार में 1.2 प्रतिशत गिर गया। यूक्रेन विवाद लंबा खिचने की आशंका से कच्चे तेल के भाव भी चढ़ गए।
यूक्रेन संकट का आगे बाजार पर क्या असर
जियोजित फाइनेंसियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार, डॉ. वी के विजयाकुमार ने बताया कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध नहीं होता है तो मार्केट में उछाल आ सकता है। लेकिन जब तक हालत अनिश्चित है तब तक निवेशकों को खरीदी से बचना चाहिए। तेजी से बढ़ते क्रूड के दाम का नकारत्मक असर टायर और पेंट्स जैसे सेक्टर्स पर हो सकता है जबकि ओएनजीसी को लाभ होगा। आईटी इस अनिश्चितता के दौरान में एक अच्छा सेक्टर होगा, विशेषकर जब भारतीय रुपया अवमूल्यन में है। इतिहास हमे बताता है कि सुनहरे अवसर पर खरीद करना एक अच्छी रणनीति है, विशेषकर जिओ -पोलिटिकल संकट जैसे कुवैत संकट, कारगिल वॉर, रशिया का अनेक्सशन ऑफ आदि। इतिहास फिर से दोहरा सकता है।
सेंसेक्स में सबसे बड़ी गिरावट टीसीएस में
सेंसेक्स के 20 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई जबकि 10 हरे निशान में बंद होने में कामयाब रहे। सबसे बड़ी गिरावट टीसीएस के शेयरों में दर्ज की गई। टीसीएस के शेयर करीब 4 फीसदी टूटकर 3586 रुपये पर बंद हुए। भारती एयरटेल और आईटीसी के शेयरों में भी गिरावट दर्ज की गई।
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